हिंडनबर्ग मामले में अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी को ग्रुप के खिलाफ जांच में कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा है कि, पहली नज़र में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है, तथा SEBI को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह वर्तमान में यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकती है कि अडानी-हिंडनबर्ग गाथा में मूल्य हेरफेर के आरोप पर सेबी की ओर से नियामकीय विफलता हुई है.
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी समूह की कंपनियों में गैरकानूनी तरीके से किए गए निवेश के सबूत भी नहीं मिले हैं, संबंधित पार्टी से निवेश में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय बाजारों को अस्थिर किए बिना नई कीमत पर अडानी के शेयर स्थिर हो गए. इसके अलवा रिपोर्ट में स्टॉक को स्थिर करने के लिए अडानी के प्रयासों को स्वीकार किया गया.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी जांचों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता है, पैनल वर्तमान में यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकता है कि कीमतों में हेरफेर के आरोप में नियामक की विफलता रही है