मुंबई में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने का फैसला 70 साल पहले लिया तो देश बर्बाद न होता। उन्होंने बजंरग दल को फिरका-परस्त की जमात बताया।
अरशद मदनी ने कहा, ‘उन्होंने ऐसा कहा तो इस पर शोर मच रहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसे दाखिल कर गलती की। मैं समझ था कि गलती नहीं बल्कि अपनी गलती का तदारुक किया जा रहा है।’
मौलाना मदनी ने कहा कि कांग्रेस ने सांप्रदायिक संगठनों पर प्रतिबंध की यही नीति आजादी के बाद अपनाई गई होती तो देश में यह स्थिति नहीं होती। महात्मा गांधी की नृशंस हत्या धर्मनिरपेक्षता की हत्या के बराबर थी और यहीं से देश में साम्प्रदायिक की जड़ें और गहरी हुईं। कांग्रेस को सांप्रदायिकता के खिलाफ कदम ना उठाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। इसी ने उसे सत्ता से हटा दिया गया। मौलाना मदनी ने मुंबई में चल रही जमीयत की तीन दिवसीय बैठक में ये बातें कही।
मदनी ने कहा कि जो लोग देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं, वह सब लोग गद्दार हैं। अगर हिंदू देश बनाने की बात कहने वाले गद्दार नहीं तो मुस्लिम देश की मांग करने वाले भी गद्दार नहीं कहलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस देश के अंदर मुसलमानों को डराकर धर्म परिवर्तन कोशिश की जा रही है। मदनी ने कहा कि जो लोग इस तरह से धर्म बदलवाने की कोशिश में लगे हैं उन्हें समझना चाहिए कि मुसलमान किसी से डरता नहीं है।