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नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर सियासत तेज, 19 दलों ने किया बायकॉट का ऐलान, जानें किस पार्टी ने क्या कहा

28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहना है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। विपक्ष ने उद्घाटन की तारीख वीर सावरकर की जयंती के दिन होने को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के शिलान्यास के मौके पर आमंत्रित नहीं किया गया, ना ही अब राष्ट्रपति मुर्मू को उद्घाटन के मौके पर आमंत्रित किया गया है। केवल राष्ट्रपति ही सरकार, विपक्ष और नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। वो भारत की प्रथम नागरिक हैं। नए संसद भवन का उनके (राष्ट्रपति) द्वारा उद्घाटन सरकार के लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक मर्यादा को प्रदर्शित करेगा।

जानें नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का किस-किस पार्टी ने किया बहिष्कार

शिवसेना के नेता संजय रावत ने कहा है कि नई ⁷संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नजरअंदाज करना चिंताजनक होने के साथ-साथ हास्यास्पद भी है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति संसद का प्रमुख और लोकतंत्र का संरक्षक भी होता है और अगर राष्ट्रपति को ने संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता है तो यह ना केवल चिंताजनक होगा बल्कि हास्यास्पद भी है।

राजद सांसद मनोज झा ने कहा, पिछले कुछ दिनों में जब हमें पता चला कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, तो हमने सुझाव दिया था कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। यह संसदीय प्रणाली की परंपरा के अनुसार होता, लेकिन प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते।

भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लेगी।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया- जब नई संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी तो पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को दरकिनार किया। लेकिन उद्घाटन समारोह में भी महामहिम राष्ट्रपति को नजरअंदाज करना अस्वीकार्य है।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वह कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं। हमारे पास शक्तियों बंटवारा है। माननीय लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति उद्घाटन कर सकते हैं। यह जनता के पैसे से बना है, पीएम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, जैसे उनके ‘दोस्तों’ ने अपने निजी फंड से इसे स्पांसर किया है?

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