राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने इस्लाम और हिंदू मुस्लिम एकता पर बयान दिया है। मोहन भागवत ने कहा कि हमको आपस में लड़ने के बजाय सीमाओं पर बुरी नजर गढ़ाए बैठे दुश्मनों को ताकत दिखानी चाहिए। वर्तमान में देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद देखने को मिल रहे हैं। आरएसएस ने अपील की है कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को कोशिश करनी चाहिए।
संघ प्रमुख ने कहा की ‘जैसे गर्मी में वर्षा कि बौछारे सुखद लगती है वैसे ही स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद इस प्रकार कि सुखद भावनाओं का अनुभव हम जैसे कर रहे है, वैसे चिंतित करने वाला दृश्य भी हमें परिस्थिति मे मिल रहा है। इसी समय देश में कितने जगह कितने प्रकार के कलह मचे है, भाषा, पंथ, संप्रदायों, मिलने वाली सहुलियतों के लिये विवाद और केवल विवाद ही नहीं बल्कि इसका इस हद तक बढ़ना कि हम आपस में ही हिंसा करने लगे। अपने देश कि सीमाओं पर, अपनी स्वतंत्रता पर बुरी नजर रखने वाले शत्रू बैठे हैं उनको हम हमारा बल नहीं दिखा रहे, हम आपस में ही लड रहे हैं’
https://twitter.com/AHindinews/status/1664287076408500225
इस्लाम की पूजा यहीं सुरक्षित चलती है
मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ, स्पेन से मंगोलिया तक छा गया। धीरे-धीरे वहां के लोग जागे, उन्होंने आक्रमणकारियों को हराया तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया। अब विदेशी तो यहां से चले गए लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं सुरक्षित चलती है। उन्होंने कहा कि कितने दिन हुए, कितने शतक हुए यह सह जीवन चल रहा है। इसको नही पहचानते हुए आपस के भेदों को ही बरकरार रखने वाली नीति चला रहे है, ऐसा नहीं करना चाहिए।
नई संसद पर भी बोले
नए संसद भवन को लेकर भी आरएसएस प्रमुख ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संसद में जो चित्र लगे हैं उनके वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। वायरल वीडियो को देखकर गौरव होता है। लेकिन एक बात परेशान करने वाली है। देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद हो रहे हैं। मोहन भागवत ने कहा कि हम अलग दिखते हैं इसलिए अलग हैं इस विचार से देश नहीं टूटेगा? हम सभी को समझना जरूरी है कि यह हमारी मातृभूमि है। हम सभी को मिलकर रहना चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए