आगामी लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का वक्त रह गया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को झटका दिया है। वहीं, विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को चुनौती देने की तैयारी में हैं। चुनावी पंडितों का अनुमान है कि विपक्षी दलों की एकता बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। विपक्ष की इसी रणनीति से निपटने के लिए बीजेपी मिशन 2024 के लिए अपना प्लान तैयार कर रही है। आपको बताते हैं कि बीजेपी अपने किस प्लान पर काम कर रही है।
विपक्षी दल जहां एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी एनडीए से अलग हो चुके अपने पुराने साथियों को साथ लाने की तैयारी में है। दरअसल, बीजेपी को पता है कि एनडीए के पुराने साथियों के साथ मिलकर वो कई राज्यों में गैर एनडीए दलों को मात दे सकती है। यही वजह है कि पुराने साथियों की ‘घर वापसी’ की तैयारी की जा रही है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी (TDP ) और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ गठबंधन वार्ता फिर से शुरू कर दी है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ पार्टी के संबंधों की भी पुष्टि की है। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, वह जल्द ही उत्तर प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों में छोटे सहयोगियों के साथ बैठक करेगी और चर्चा करेगी
टीडीपी से बढ़ी बीजेपी की नजदीकियां!
पिछले कुछ दिनों में टीडीपी और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ती देखी जा रही हैं। टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में दिल्ली पहुंचकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। अब चर्चा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दल गठबंधन कर सकते हैं। करीब पांच साल पहले टीडीपी एनडीए से अलग हो गए थे।
अकाली दल पर भी नजर
बीजेपी की नजर टीडीपी के अलावा अकाली दल पर भी है। किसान आंदोलन के दौरान अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और अकाली दल बीजेपी से अलग हो गई थी। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने बीजेपी को सपोर्ट भी किया था। पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद दोनों दलों को लगना है कि एक-दूसरे का साथ देना जरूरी है।
राजभर भी आएंगे बीजेपी के साथ!
यूपी में बीजेपी की स्थिति सबसे अच्छी है, लेकिन फिर भी सीटों के लिहाज से सबसे राज्य में बीजेपी कोई रिस्त नहीं लेना चाहती है। बीजेपी यहां अपने पुराने साथी ओम पप्रकाश राजभर को साथ ला सकती है। राजभर भी कुछ दिनों से अखिलेश यादव और मायावती के खिलाफ तल्ख तेवर अपनाए हुए हैं।