दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी रामलीला मैदान में महारैली कर रही हैं। रैली में मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवत मान और कपील सिब्बल मौजूद हैं।
महारैली को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली की जनता के अधिकारों को छीनने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कह दिया है कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मानता। मैं दिल्ली की जनता के वोट का सम्मान नहीं करता।
उन्होंने कहा कि आज से 12 साल से पहले हम इसी रामलीला मैदान में एक साथ इकट्ठा हुए थे और इसी मंच से एक-एक तानाशाह को हटाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जैसे पहले तानाशाही को खत्म करने के लिए इकट्ठा हुए थे और सरकार को उखाड़ फेंका था।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी दिल्ली के सारे अच्छे काम रोकना चाहते है, कितने स्कूल, अस्पताल बनवा दिए। मोदी कह रहे हैं कि फ्री की रेवडी बांट रहा हुं। आप एक को जेल में डालोंगे तो दूसरा आ जाएगा काम करने। मेरे पास एक मनीष सिसोदिया नहीं है, 100 मनीष सिसोदिया है। चौथी पास राजा एक कहानी सुनाना चाहता हूं। केजरीवाल ने कहा कि चौथी पास राजा को समझ में नहीं आ रहा है कि देश कैसे चलाएं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि किसी भी अध्यादेश/कानून लाकर केंद्र की शक्तियों का विस्तार करना संविधान का उल्लंघन होगा। केंद्र सरकार यह अध्यादेश लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के लिए लेकर आई है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जरिए सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार को छीनने का प्रयास है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 8 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद 11 मई को SC ने अपने संवैधानिक फैसले ने कहा था कि शक्ति सेवाओं दिल्ली सरकार के पास ही होगी, ऐसे में केंद्र की अधिसूचना गलत थी। कोर्ट ने तीन आधारों पर अपना फैसला सुनाया था।