NCPCR के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मध्यप्रदेश के दमोह में मिशनरी माफिया अजय लाल द्वारा संचालित बालगृह के कर्मचारी द्वारा एक बालिका को यौन प्रलोभन देने का मामला सामने आया है,कुछ दस्तावेज मिले हैं।
राज्य बाल आयोग के सदस्यों की टीम दमोह में जाँच के लिए पहुँची है।उल्लेखनीय है कि यह बाल,गृह किशोर न्याय अधिनियम की निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है व पूर्व में भी NCPCR द्वारा सरकार को बताया गया है तथा FIR भी दर्ज हुई है,परंतु कतिपय सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की कर्तव्य के प्रति आपराधिक लापरवाही का परिणाम है कि नाबालिग बालिकाएँ ग्रूमिंग एवं यौन दुराचार का शिकार हो रही हैं।
आधारशिला संस्थान के कर्मचारी पर यौन शोषण का आरोप लगा है। बाल भवन का एक कर्मचारी नाबालिग छात्रा को अश्लील मैसेज भेजते हुए परेशान कर रहा था। छात्रा की शिकायत पर संस्था ने ही मामला दर्ज कराया है। राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम रविवार को निरीक्षण करने पहुंचे। जहां अन्य नाबालिग बच्चियों से पूछताछ की।
बताते चलें कि बीते नवंबर 2020 में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक और शिकायत का संज्ञान लिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित एक केरल मिशनरी संस्थान का पादरी नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न और अवैध धर्मांतरण में शामिल है। आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी दमोह को 22 नवंबर 2022 को नोटिस जारी कर 7 दिन में मामले की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन पुलिस ने अब तक ब्योरा नहीं भेजा।