उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मदरसों में योग दिवस मनाये जाने के सरकारी आदेश का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार चाहती है कि मदरसे न चलें और मुस्लिम बच्चे मजहबी तालीम हासिल न करें।
उन्होंने कहा लोग योग करें, इससे कौन इनकार कर रहा है, मगर इसके लिए किसी भी प्रकार का कानून बनाना या लोगों को मजबूरन योग करना ठीक नहीं है। सभी लोग अपने घरों पर ही योग करके आए, क्योंकि ऑफिस में योग होगा या देश का काम होगा?
बताते चलें कि संभल के दीपा सराय स्थित अपने आवास पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बार फिर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सपा सांसद डॉ बर्क ने इस बार योग दिवस को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि वह योग के खिलाफ नहीं है, योग करना अच्छी बात है। पहले भी पहलवान अखाड़े में कसरत करते थे, लेकिन योग मदरसों का हिस्सा नहीं है। अगर कुछ मनाना ही है तो मदरसों में तालीम दिवस मनाइए। सपा सांसद ने मदरसों में योग दिवस को मनाए जाने के सरकार के आदेश की खुली खिलाफत की है।
कुछ दिन पहले ही बर्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था और सदन में सीएम योगी के दिए गए बयान कि माफियाओं को ‘मिट्टी में मिला दूंगा’ को असंसदीय भाषा बताया था।
उन्होंने कहा था कि यह अनपार्लियामेंट्री अल्फाज है, ये बात किसी पढ़े लिखे आदमी को नहीं बोलनी चाहिए। यह किसी को भी नहीं बोलना चाहिए इससे अहंकार टपकता है। जो अल्फास कहे जाने चाहिए वो पार्लियामेंट्री अल्फाज होने चाहिए।