केंद्र ने हाल ही में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और सोसायटी करने का फैसला किया है. विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसाइटी के उपाध्यक्ष भी हैं.
संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कार्यकारी परिषद ने महसूस किया कि संस्थान के नाम में वर्तमान गतिविधियों को प्रतिबिंबित होना चाहिए, जहां अब एक ऐसा संग्रहालय भी शामिल है जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और प्रत्येक प्रधानमंत्री के राष्ट्र निर्माण में योगदान को प्रदर्शित करता है.’
इसके बाद, कांग्रेस ने शुक्रवार को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलने के फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया था कि, जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि नया प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी राजनीति से परे एक प्रयास है। कांग्रेस के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि नहीं है। कांग्रेस इस सच्चाई को स्वीकारने में अक्षम है कि एक परिवार से परे भी ऐसे नेता हैं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा और उसका निर्माण किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है और पंडित नेहरू से संबंधित हिस्सों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, यहां देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्री की उपलब्धियों का जिक्र है। सरकार ने इसे पूरी तरह व्यवस्थित किया है।
जनरल काउंसिल और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के अध्यक्ष हैं, जबकि राजनाथ सिंह इसके उपाध्यक्ष हैं. इनके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, वी. मुरली धरण, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत 29 सदस्य इस सोसाइटी में शामिल हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था. NMML की कार्यकारी परिषद ने 25नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दी थी. अब ये परियोजना पूरी हो गई और प्रधानमंत्री संग्रहालय 21 अप्रैल 2022 को जनता के लिए खोल दिया गया.