Voice Of The People

बैंकों में 2,000 रुपये के नोटों की वापसी से भारत की मुद्रा चलन में 83,242 करोड़ रुपये की गिरावट

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने से 2 जून 2023 तक जनता के पास नकदी में 83,242 करोड़ रुपये की कमी होकर 32.88 लाख करोड़ रुपये हो गई है। आरबीआई ने जानकारी देते हुए कहा है कि अभी तक 1.80 लाख करोड़ रुपये 2000 रुपये की शक्ल में आए है। उनमें से 83 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट में वापस लौट गया है जो 500, 200 और 100 के रूप में है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि आरबीआई द्वारा इन्हें वापस लेने के फैसले के बाद इन नोटों की एक महत्वपूर्ण संख्या बैंकों को वापस कर दी गई है। निकासी के कारण फसल बुवाई के मौसम में प्रचलन में मुद्रा का बढ़ना आम बात है। हालांकि, 2,000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले का विपरीत प्रभाव पड़ा है।आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले की घोषणा की थी।

31 मार्च 2023 तक प्रचलन में इन नोटों का कुल मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये था। घोषणा के बाद से, लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2,000 रुपये के नोटों का 50 प्रतिशत, बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं।

इसका मतलब है कि जिन लोगों नोटों को डिपॉजिट ना कराकर एक्सचेंज कराए हैं वो दूसरे डिनोमिनेशंस में वापस आ गए हैं। आरबीआई ने मई के महीने में सभी 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद 23 मई से बैंकों में 2000 रुपये के नोट वापस आने शुरू हो गए थे। आम लोगों के 30 सितंबर तक का वक्त है।

SHARE

Must Read

Latest