मणिपुर में करीब 50 दिन से हिंसा जारी है। उग्रवादी अब नेताओं को अपना निशाना बना रहे हैं। अब तक हुई हिंसा में 100 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, सैकड़ों लोग जख्मी हो चुके हैं। हजारों ने घरों को आग लगा दी गई है। हालांकि हिंसा पर काबू पाने के लिए 10 हजार से भी ज्यादा सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। हिंसा फैलाने वाले सरेंडर भी कर रहे हैं लेकिन इन सब के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है।
मणिपुर में 52 दिनों से जारी हिंसा को लेकर आज दिल्ली में ऑल पार्टी मीटिंग हुई। यह मीटिंग 3 घंटे तक चली। मीटिंग के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी ने मणिपुर को लेकर अपनी 8 मांगें रखी हैं। पार्टी ने मांग की है कि PM इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें और राज्य के CM को तुरंत बदला जाए।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मीटिंग को औपचारिकता बताया और यह मांग रखी है कि दोनों नेशनल हाईवे को खुला रखा जाए और लोगों को जरूरी चीजें उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए राहत, पुनर्वास और रोजगार का नया पैकेज घोषित किया जाए।
मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी इस हिंसा में अब तक 100 से ज़्यादा लोगों की जान गई है और 390 लोग घायल हुए हैं। लेकिन हिंसा थम नहीं रही है और स्थानीय लोगों का सब्र ख़त्म सा हो रहा है।
इस हिंसा में अभी तक 10 हजार से अधिक घर जलाए जा चुके हैं। प्रदेश में अभी तक 4100 से अधिक आगजनी की घटनाए सामने आई है। डर के चलते हजारों लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। राज्य में बीजेपी की सरकार है। राजधानी दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। लेकिन राज्य में स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन सभी के बीच विपक्ष मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। इस घटना को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें मणिपुर की स्थिति को लेकर चर्चा की गई है। साथ ही इस बैठक के बाद अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बताया गया है कि मणिपुर स्थिति को लेकर गृहमंत्री ने पीएम मोदी को जानकारी दी है।