महाराष्ट्र में NCP अंदर बगावत के बाद राजनीतिक माहौल गर्म है। अजित पवार सहित राकांपा के नौ विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हुए। इसके के दो दिन बाद, शिवसेना के कई विधायकों और एक मंत्री ने सार्वजनिक रूप से कुछ असंतोष व्यक्त किया। उनलोगों ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को सरकार में शामिल करने के फैसले पर सवाल उठाया। इसको लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा हो सकती है।
एनसीपी के नौ मंत्रियों को सरकार में शामिल किए जाने से नाराज शिंदे समूह के विधायकों ने अपने नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की। उन्होंने दो टूक कहा है कि अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी कोटे के मंत्रियों को वित्त, सिंचाई और सार्वजनिक निर्माण जैसे प्रमुख विभाग नहीं दिए जाने चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार ने एनसीपी कोटे के मंत्रियों के लिए वित्त और योजना, बिजली, सिंचाई, सहयोग और विपणन जैसे विभागों की मांग की है। उनका तर्क है कि पार्टी (एनसीपी) के पास उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान यही विभाग थे, इसलिए इस बार भी उन्हें वही विभाग दिए जाने चाहिए।
विधायकों ने सीएम एकनाथ शिंदे से अजित पवार और उनके मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग आवंटित करने के प्रयासों का पुरजोर विरोध करने को कहा है। अजित को वित्त मंत्रालय मिलने की अटकलों से शिंदे खेमे की बेचैनी बढ़ गई है। इसबीच, भाजपा नेताओं ने कहा कि सेना गुट की चिंताएँ वैध हैं, लेकिन एनसीपी गुट को ‘उसके कद के अनुरूप विभाग आवंटित करना होगा। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार में शामिल होने से शिंदे खेमा नाराज है।
ऐसा बताया जा रहा है कि आज एकनाथ शिंदे मंत्री पद के बंटवारे के लिए मीटिंग बुला सकते हैं। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे आज नागपुर के दौरे पर जाने वाले थे मगर उन्होंने अपना यह दौरा रद्द कर दिया है। अब देखना होगा कि क्या NCP ने जो पोर्टफोलियो मांगे हैं वो उनको मिलता है या नहीं।