पश्चिम बंगाल में आज 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं। लेकिन उसके ठीक पहले एक बार फिर बंगाल में चुनावी हिंसा हुई है, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, बीजेपी ने चुनाव के पहले बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया है। पूरे राज्य भर से जगह-जगह हिंसा, आगजनी, पथराव की खबरें आ रही हैं। राज्य में शनिवार सुबह सात बजे पंचायत चुनाव शुरू होने के बाद से दोपहर तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और मध्यरात्रि से चुनाव संबंधी कथित हिंसा में तीन अन्य लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में पांच टीएमसी और एक-एक भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं।
बंगाल में एक मतदाता ने मतदान से नाराज होकर बैलट बॉक्स में पानी डाल दिया। वहीं, कूच बिहार ज़िले में दिनहाटा के बारानाचिना में एक मतदान केंद्र पर कथित तौर पर फर्जी मतदान से नाराज मतदाताओं ने मतपेटी में आग लगा दी।
पंचायत चुनाव में भारी हिंसा पर टीएमसी के बिस्वजीत देब ने कहा कि ‘बंगाल में जो भी घटनाएं हो रही हैं, वह सुवेंदु अधिकारी के उकसावे का नतीजा है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में कहा कि पश्चिम बंगाल में पूरी व्यवस्था असंवैधानिक कामों में लग चुकी है। वहां की सरकार ना तो राज्यपाल के आदेश का सम्मान करती है और ना ही हाई कोर्ट के आदेश का। जब स्थानीय पुलिस और प्रशासन खुद ही पक्षपाती हो जाए और राजनीतिक दृष्टि से काम करे तो इसे संवैधानिक व्यवस्था नहीं कहा जाता है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है मगर वहां की सरकार जनाधार खो चुकी है और इसी डर में वो हिंसक प्रवृत्ति अपना रहे हैं।