जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है और अब टेरर फंडिंग के खिलाफ एनआईए ने बड़ा एक्शन लेते हुए 10 पूर्व आतंकियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि सभी प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ और हुर्रियत से जुड़े हैं। ये सभी इन दोनों संगठनों को पुनर्जीवित करने की साजिश में लगे थे।गिरफ्तार किए गए लोग बाकियों के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशन में इन संगठनों को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे थे। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वे विदेश में स्थित संस्थाओं के संपर्क में थे, और उनमें से कुछ कई समूहों के सदस्य थे जो फारूक सिद्दीकी और जेकेएलएफ के राजा मुजफ्फर की अध्यक्षता वाले कश्मीर ग्लोबल काउंसिल जैसे अलगाववाद का प्रचार करते थे।
कश्मीर में आतंकी हिंसा और अलगाववादी एजेंडे का दुष्चक्र शुरू करने व हुर्रियत और जेकेएलएफ को फिर से खड़ा करने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर रविवार को लालचौक से कुछ ही दूरी पर कोठीबाग पुलिस स्टेशन के पास स्थित मोहम्मद यासीन बट ने ईद मिलन पार्टी का आयोजन किया था। मोहम्मद यासीन बट जेकेएलएफ का एक पुराना कमांडर है और टेरर फंडिंग के मामले में भी उससे पूछताछ हो चुकी है। उसने हुर्रियत कान्फ्रेंस, समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के नेताओं के अलावा जेकेएलएफ के कुछ पुराने कमांडरों को बुलाया था।
पुलिस को इस बैठक की भनक लग गई और उसने दबिश देकर वहां मौजूद सभी को हिरासत में ले लिया। इनमें इत्तेहादुल मुसलमीन का कार्यवाहक चेयरमैन मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी और जेकेएलएफ का नामी कमांडर रह चुका नन्नाजी भी शामिल है। पुलिस ने 43 लोगों को पकड़ा था। इनमें से सात को बीती शाम ही पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। पुलिस ने सोमवार को सिर्फ 10 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन अन्य के बारे में कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बताया जा रहा है कि अन्य जो पकड़े गए हैं, उनमें से कुछ को सोमवार को दोपहर में ही छोड़ दिया गया है।