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मन की बात में पीएम मोदी ने किया एमपी के ‘मिनी ब्राजील’ का जिक्र, प्रदीप भंडारी ने जताया आभार, बोले- मेरे राज्य के लिए खेल राजधानी बनने का शानदार अवसर

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 103वें एपिसोड का प्रसारण हुआ। मन की बात के इस एपिसोड में पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल की कहानी सुनाई जो अब “मिनी ब्राजील” बन चुका है। पीएम मोदी ने कहा की कभी शराब और नशे के लिए बदनाम शहडोल आज देश की नई फुटबॉल नर्सरी बन गया है, जहां से कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल रहे हैं।

पीएम मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के मिनी ब्राजील (शहडोल) का जिक्र किए जाने पर प्रदीप भंडारी ने उनका आभार जताया है। उन्होंने कहा कि “यह मेरे राज्य मध्य प्रदेश के लिए देश की खेल राजधानी के रूप में उभरने का भी एक शानदार अवसर है!”

प्रदीप भंडारी ने ट्वीट करते हुए लिखा “माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में एमपी में शहडोल के बिचारपुर गांव को अवैध शराब के केंद्र से देश की नई फुटबॉल नर्सरी बनाने की बात की। एमपी के ‘मिनी ब्राजील’ ने आदिवासी समुदाय से 45 राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी तैयार किए हैं। गोंड और बैगा जनजाति वाले गांव के लिए यह गर्व का क्षण था जब 4 और 5 साल के यश बैगा और अनिदेव सिंह माननीय प्रधान मंत्री से मिलने वाले सबसे कम उम्र के फुटबॉलर बन गए।”

प्रदीप भंडारी ने आगे लिखा “मन की बात में लोगों के इस बदलाव को स्वीकार और प्रोत्साहित करके, प्रधानमंत्री ने देश भर में ऐसे अन्य खेल सेंटर्स को प्रेरित किया है! यह मेरे राज्य मप्र के लिए देश की खेल राजधानी के रूप में उभरने का भी एक शानदार अवसर है!”

पीएम मोदी ने सुनाई “मिनी ब्राजील” की कहानी

पीएम मोदी ने कहा “बिचारपुरा गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा दो ढाई दशक पहले शुरू हुई थी। उस दौरान बिचारपुर गांव अवैध शराब के लिए बदनाम था। इस माहौल का सबसे बड़ा नुकसान यहां के युवाओं को हो रहा था। एक पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी और कोच रईस अहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना। उनके पास संसाधन ज्यादा नहीं थे, लेकिन उन्होंने पूरी लगन से युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया। कुछ साल के अंदर ही यहां फुलबॉल इतना लोकप्रिय हो गया, कि विचारपुर गांव की पहचान ही फुटबॉल से होने लगी। अब यहां फुटबॉल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम भी चल रहा है। इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को यहां फुटबॉल से जोड़ा जाता है और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। ये प्रोग्राम इतना सफल हुआ है की विचारपुर से नेशनल और स्टेट लेवल के 40 से ज्यादा खिलाड़ी निकले हैं।

पीएम मोदी ने आगे बताया कि “ये फुटबॉल क्रांति अब धीरे धीरे पूरे क्षेत्र में फैल रही है। शहडोल और उसके आस पास के इलाकों में 1200 से ज्यादा फुटबॉल क्लब बन चुके हैं। यहां से बड़ी संख्या में ऐसे खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं। फुटबॉल के कई बड़े पूर्व खिलाड़ी और कोच आज यहां ट्रेनिंग दे रहे हैं। आप सोचिए कि एक आदिवासी इलाका जो शराब के लिए बदनाम था, नशे के लिए जाना जाता था, वो आज देश की पहली फुटबॉल नर्सरी बन गया है। इसलिए ही कहते हैं “जहां चाह, वहां राह”। हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस जरूरत है उन्हे तलाशने की और तराशने की। इसके बाद यही युवा देश का नाम भी रोशन करते हैं और देश के विकास को दिशा भी देते हैं।”

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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