बिहार के अररिया में बदमाशों ने सुबह-सुबह एक दैनिक अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। शुक्रवार (आज) की सुबह बाईक सवार चार बदमाश विमल कुमार यादव के घर पहुंचे। दरवाजा को खटखटाया और जैसे ही वह बाहर निकले तो उन्हें गोलियों से भून डाला, मौके पर ही उनकी मौत हो गई। विमल अररिया जिले के रानीगंज के प्रेमनगर के रहने वाले थे। विमल का 15 साल का बेटा और 13 साल की एक बेटी है।
बताते चलें कि 2019 में विमल के भाई छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या हुई थी और विमल इस केस का इकलौता गवाह था। गब्बु यादव बेलसरा पंचायत के गवाह थे। परिजनो के अनुसार गब्बू यादव के हत्या के मुख्य आरोपी सुपौल जेल में बंद रूपेश ने जेल में रची और सुपारी देकर विमल यादव (पत्रकार) की हत्या करवा दी।
परिजनों का कहना है कि 4 साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी।
वहीं पत्रकार की हत्या के लिए लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के सुप्रीमो व जमुई के सांसद चिराग पासवान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम को बिहार में हो रहे अपराधों के आंकड़े पीड़ितों के परिवारों को दिखाना चाहिए।
उन्होंने कहा उस पुलिस अधिकारी के घर जाकर उसके परिवार को आंकड़े बताइए, जिन्होंने अपने इकलौते कमाने वाले को खो दिया है। सीएम उस पत्रकार के घर जाकर परिवार को आंकड़े दिखाएं, जिसकी हत्या हुई है।