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विपक्षी एकता मजाक बन कर रह गई है? प्रदीप भंडारी का विश्लेषण

लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया और उसका नाम इंडिया एलाइंस रखा। लेकिन सबसे बड़ी बात इस गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और राज्यों में गठबंधन के नेता आपस में लड़ रहे हैं। प्रदीप भंडारी ने एक वीडियो के माध्यम से विश्लेषण किया है और बताया है कि आखिर विपक्षी नेताओं के मन में क्या है?

प्रदीप भंडारी ने कहा, “इंडिया गठबंधन के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे से लड़ रहे हैं। कांग्रेस के विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। तो वहीं कावेरी वॉटर इश्यू पर डीएमके और कांग्रेस दोस्ताना खेल रहे हैं। जबकि अगर जम्मू कश्मीर में देखे तो उमर अब्दुल्ला सीट शेयरिंग को लेकर राजी नहीं है। अखिलेश यादव मध्य प्रदेश पहुंच चुके हैं और राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।”

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा, “बंगाल के अंदर भी सब कुछ सही नहीं है। अधीर रंजन चौधरी ममता बनर्जी के स्पेन दौरे पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि बंगाल में लोग गरीबी से परेशान हैं और ममता बनर्जी स्पेन में लग्जरी लाइफ का आनंद ले रही हैं। गठबंधन के नेता साथ नहीं आ सकते तो जमीन पर कार्यकर्ता कैसे साथ आएंगे? वोट कैसे ट्रांसफर होगा। राहुल गांधी अच्छे वीडियो बना रहे हैं लेकिन जमीन पर कुछ दिख नहीं रहा है। उनके लिए काफी मुश्किल है। विपक्षी सोच रहे कि चलो गठबंधन तो हो गया है लेकिन दिल नहीं मिल रहे हैं। टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन काफी अच्छा पीआर भी अपना रहे हैं लगभग सारे नेता समझ चुके हैं उनके लिए 2024 आसान नहीं है और इसीलिए वह अपनी आखिरी चाल जातिगत जनगणना की मांग उठा रहे हैं।”

प्रदीप भंडारी ने कहा, “विपक्ष को समझ आ चुका है कि उनके अभी तक के सारे नैरेटिव फ्लॉप हो चुके हैं और दूसरी बड़ी बात वह समझ चुके हैं कि अगर नरेंद्र मोदी को हराना है या फिर उनको बहुमत के नीचे लाना है तो जाति जनगणना सबसे अहम मुद्दा है।”

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