भारत में आज महिलाएं आत्मनिर्भर हो कर अपना रोजगार चला रही है। ये हम नहीं बल्कि आंकड़े बता रहे हैं। हाल ही में वित्तमंत्री ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत ऋण लेकर तमाम महिलाओं ने अपना उद्यम शुरू किया। इलके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नाम पर या उन्हें संयुक्त मालिकों के रूप में 70 प्रतिशत से अधिक मकान उपलब्ध कराने की वजह से उनका आत्मसम्मान बढ़ा है।
महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। इसलिए अब देश की महिलाएं अपनी जिंदगी में लकड़ियां बटोरने, घंटों चूल्हे में खपने, धुआं फूंकने की मजबूरी से जिंदगी में आजाद होकर सपने पूरे करने में लगी हैं।
बताते चलें कि एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए अंतरिम बजट में भी महिलाएं मुख्य में रहीं। यही वजह है कि अंतरिम बजट में नारी शक्ति पर जोर रहा। इसके लिए उन्होंने बताया कि
1) 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
2)उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
3)स्टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
4) पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।