संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में राम मंदि पर प्रस्ताव आया। राम मंदिर प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक था और राम देश की जनमानस के प्राण हैं। राम के बगैर भारत की कल्पना नहीं की जा सकती।
राम मंदिर प्रस्ताव पर लोकसभा में अमित शाह ने कहा, “आज मैं किसी का जवाब नहीं दूंगा। आज मैं मन की बात करूंगा। 22 जनवरी आने वाले वर्षों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। यह वह दिन था, जिसने सभी राम भक्तों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया। अमित शाह ने संसद में कहा कि 22 जनवरी के बाद अद्भुत आध्यात्मिकता का अनुभव हो रहा है। 22 जनवरी का दिन पुनर्जागरण का दिन है। राम के बिना देश की कल्पना मुमकिन नहीं है। राम मन्दिर की स्थापना सौभाग्य की बात है और इस मामले में हमारी पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है।”
अमित शाह ने आगे कहा, “रामजन्म भूमि का इतिहास बहुत लम्बा है। 1528 से यह लड़ाई लड़ी जा रही थी। करीब 500 साल बाद कानूनी लड़ाई का अंत हुआ। मैं लड़ाई लड़ने वाले सभी योद्धाओं को याद करना चाहता हूं। मोदी जी के समय यह स्वप्न पूरा होना था। राम मंदिर के निर्माण को धर्म से न जोड़ा जाये। राम देश के जनमानस के प्राण हैं और रामायण को कई देशों ने स्वीकारा है।”