सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक मानते हुए इस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि ये चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। देश के मतदाताओं को पॉलिटिकल पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का हक है। कोर्ट ने यहा भी कहा है कि बॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट को सार्वजनिक करना होगा, इससे पारदर्शिता आएगी। इस बीच ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने दिलचस्प आंकड़ा शेयर किया है।
अखिलेश मिश्रा ने लिखा, “Electoral Bonds मुद्दे पर समझ रखने वालों के लिए। डेटा क्या कहता है?
अज्ञात स्रोतों से राष्ट्रीय दलों की आय का हिस्सा (चुनावी बांड + 20,000 रुपये से कम नकद दान आदि)
TMC: 96.77%
Congress: 71.84%
BJP: 60.56%
Electoral Bonds से आय
तृणमूल: 528 करोड़
कांग्रेस: 236 करोड़
डीएमके: 306 करोड़
बीजेडी: 291 करोड़
टीआरएस: 153 करोड़
बीजेपी: 1033 करोड़
भाजपा को भी उतना ही दान मिला जितना दूसरों को।
अज्ञात आय का हिस्सा
डीएमके: 96.01% (कुल 318.7 करोड़)
बीजेडी: 94.73% (कुल 307.28 करोड़)
To those grandstanding on the #ElectoralBonds issue. What does data day?
Share of income of National Parties form unknown sources (electoral bonds + donation in cash below Rs. 20,000 etc.)@AITCofficial: 96.77%@INCIndia: 71.84%@BJP4India: 60.56% pic.twitter.com/fnRmYDXJgQ
— Akhilesh Mishra (@amishra77) February 15, 2024