लोकसभा चुनाव खत्म हो गया है और एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने वाली है। बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। हालांकि एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है। इस बीच जन की बात ने एक डाटा का अध्ययन किया है जिसमें पता चला कि आखिर बीजेपी को कुछ राज्यों में कठिनाई का सामना क्यों करना पड़ा?
प्रदीप भंडारी ने बताया
48 घंटों तक डेटा का बारीकी से विश्लेषण करने के बाद यह अंतिम निष्कर्ष है: हमने ज़मीन पर दो नैरेटिव देखे।
1) पीएम मोदी की लोकप्रियता और काम
2) बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय उम्मीदवारों के स्तर पर सत्ता विरोधी भावना।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, हरियाणा और राजस्थान के 5 प्रमुख राज्यों में पीएम मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में पसंद करने वाले मतदाताओं द्वारा स्थानीय स्तर के कारण असंतोष देखा गया।
बीजेपी का वोट शेयर 2014 में मिले वोट शेयर से 5.5% अधिक है, जब उसने 272 सीटें हासिल की थीं, और लगभग उसी ब्रैकेट के आसपास है, जिसमें वह 2019 में 303 सीटें जीती थी। कांग्रेस का वोट शेयर 18-21% पर बना हुआ है।
After having analysed the data minutely for 48 hours this is the final conclusion:
There were two narratives which we saw on the ground.
1) PM Modi's popularity and work
2) Local candidate level anti incumbency against the BJP candidates.5 key states of Uttar Pradesh,…
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 7, 2024
5 प्रमुख राज्यों में चुनाव ‘स्थानीय’ हो गया, जिससे बीजेपी की कुल सीटों की संख्या में गिरावट आई।
जब इन मतदाताओं से बात की गई तो उन्होंने कहा – ‘हम 2024 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।’
हालांकि उन्होंने इन प्रमुख राज्यों में स्थानीय मुद्दों पर असंतोष व्यक्त किया। इन स्थानीय असहमतियों के कारण भाजपा की कुल सीटों की संख्या में कमी आई।