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मोदी सरकार में आईं 12.5 करोड़ नई नौकरियां, यूपीए सरकार के दौरान केवल 2.9 करोड़ था आंकड़ा

भारत में बेरोजगारी को लेकर रोना रोने वाले विपक्ष के एजेंडे पर रिजर्व बैंक ने अपने आंकड़ों के जरिए पानी फेर दिया है। रोजगार को लेकर जारी अपनी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत में कुल 46.7 मिलियन से अधिक नौकरियां बढ़ी हैं। ये वित्त वर्ष 2023 में 596.7 मिलियन से अधिक यानि कि 6 फीसदी अधिक है।

आरबीआई डेटा के आधार पर भारतीय स्टेट बैंक के एक अध्ययन के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2014-23 के दौरान 12.5 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं, जबकि वित्त वर्ष 2004-14 के दौरान यह केवल 2.9 करोड़ थी।

केंद्रीय बैंक ने सोमवार को जारी एक आंकड़े में कहा कि यह अनुमान CMIE जैसे निजी सर्वेक्षणों द्वारा उच्च बेरोजगारी दरों की ओर इशारा करते हुए बताए गए आंकड़ों से कहीं अधिक हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि देश में रोजगार 2023 में 3.2 प्रतिशत थी।

बताते चलें कि रिजर्व बैंक के आकंड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में कुल रोजगार 643.3 मिलियन थी। वहीं वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 596.7 मिलियन रहा है। बता दें कि केंद्रीय बैंक उत्पादकता और रोजगार के स्तर का अनुमान लगाने के भारतीय रिजर्व बैंक सरकार के राष्ट्रीय खातों और श्रम मंत्रालय के डेटा का इस्तेमाल करता है।

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