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मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दें, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और सर्विस सेक्टर को मजबूत करें… पीएम मोदी ने मुख्य सचिवों से क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत की रूपरेखा और आत्मनिर्भरता के रोडमैप पर बड़ा मैसेज दिया। पीएम मोदी ने मुख्य सचिवों के सम्मेलन के बाद सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि भारत इस वक्त नेक्स्ट जेनरेशन के सुधारों के समय से गुजर रहा है, जहां रिफॉर्म एक्सप्रेस का इंजन हमारे देश की युवा पीढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वालिटी, तकनीक, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को लेकर भी अपनी बात रखी।

पीएम मोदी ने पोस्ट करके कहा, “मुख्य सचिवों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस साल का विषय था- विकसित भारत के लिए मानव पूंजी। भारत को आत्मनिर्भर बनाने, गरीबों को सशक्त करने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हम सब मिलकर कैसे काम कर सकते हैं, इस पर अपने विचार साझा किए। मुख्य सचिवों का यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है, जब भारत अगली पीढ़ी के सुधारों का साक्षी बन रहा है। भारत रिफॉर्म एक्सप्रेस पर सवार है और इस रिफॉर्म एक्सप्रेस का प्रमुख इंजन भारत का युवा वर्ग और हमारी जनसांख्यिकी है। इसी वजह से हमारी कोशिश है कि इस जनसांख्यिकीय शक्ति को सशक्त किया जाए।”

पीएम मोदी ने आगे लिखा, “हम जो भी करते हैं, उसमें गुणवत्ता के महत्व पर जोर देते हैं। शासन में गुणवत्ता। सेवाओं की डिलीवरी में गुणवत्ता। मैन्युफैक्चरिंग में गुणवत्ता। आइए मेड इन इंडिया को गुणवत्ता का पर्याय बनाएं और जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करें। गवर्नेंस और सर्विस डिलीवरी से जुड़े मामलों में न्यू वर्क कल्चर विकसित करने के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों को रेखांकित किया। लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को जोड़ने पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही कौशल विकास, उच्च शिक्षा, युवा सशक्तिकरण, खेल समेत अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।”

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बूस्ट करने और सर्विस सेक्टर को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को एक ग्लोबल सर्विसेज जायंट बनाना होना चाहिए। पीएम ने कहा, “भारत में दुनिया का फूड बास्केट बनने की पूरी क्षमता है। हमें हाई वैल्यू एग्रीकल्चर, बागवानी, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन की ओर बढ़ना होगा। इसी रास्ते से भारत एक बड़ा खाद्य निर्यातक बन सकता है।”

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