अमन, जन की बात
देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बढ़ कर 6,475 हो गयी है। लॉकडाउन के बीच जन की बात की टीम बिहार की जनता से संवाद करने उनके बीच पहुची।
बिहार में हमारा सफर शुरू हुआ बक्सर ज़िले से, यहाँ पर लोग लॉकडाउन का कुछ खास पालन करते हुए नही दिखे, मास्क न लगाना, सोशल डिस्टेनसिंग का पालन नही करना यहाँ आम बात दिखी। सरकार के नियम के विरुद्ध यहाँ खुले आम लोगों ने लॉकडाउन की धज़्ज़ियाँ उड़ाई। बक्सर शहर के आस पास के गांवों से लोग बसों और ट्रैक्टरों में बिना सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए, गंगा नहाने आते दिखे। हैरानी तब हुई जब ये सब कुछ शहर के मॉडल टाउन थाना से मात्र 100मीटर की दूरी पर हो रहा था।
वहीं शाम को शहर में चाट-समोसे की दुकानों पर भारी भीड़ दिखी, हालांकि दुकानों पर ‘यहाँ बैठ कर न खाएं’ और ‘केवल पार्सल के लिए’ लिखे हुए बोर्ड लगाए गए हैं, पर इनका पालन करता हुआ कोई भी नही दिखा। जब हमने दुकानदार से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि ” शहर में सभी दुकानों पर ऐसा लिखा गया है क्योंकि पुलिस का सख्त निर्देश है, पर लोग नही मानते हैं। हम किसी को मना भी नही कर सकते, क्योंकि शहर में और भी दुकाने हैं, जहां पर वो जा सकते हैं। हाँ हम अपने साथ सेनेटाइजर की बोतल हमेशा रखते हैं।” इससे ये पता चलता है कि पुलिस ने निर्देश तो जारी कर दिया मगर उसका पालन हो रहा है मगर इसका जायज़ा लेने कभी नही आयी। सरकार द्वारा चलाई गई तमाम योजनाओं का ज़मीन पर क्या असर हुआ है ? ये जानने के लिए हमने शहर के और गाँव के क्षेत्रों के लोगों से बात किया। लॉकडाउन में ‘उज्ज्वला’ योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलिंडर के लाभार्थी भी मिले, वो महिलाएं भी मिली जिनको ₹500 खातों में मिले। किसानों ने भी बताया कि उन्हें गांव से फलों और सब्जियों को शहर में ले जाकर बेचने की पूरी छूट दी गई थी। जिससे उन्हें कुछ खास नुकसान नहीं हुआ। हालांकि डेयरी उद्योग के लोगों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा, सैनिक कॉलोनी में डेयरी उद्योग चलाते परशुराम जी ने हमे बताया कि लॉकडाउन में लोगों की आमदनी कम होने के कारण दूध की बिक्री कम हो गयी है। उनके पुराने ग्राहक़ो ने भी अब ‘शूधा’ के पैकेट वाले दूध लेना शुरू कर दिया है। लोग उसे ज़्यादा स्वच्छ मान रहे हैं। इसके बाद हमारी बात एक महिला से हुई जो, शहर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं, उन्होंने कोरोना काल मे केंद्र सरकार द्वारा किये गए कार्यों को सराहा मगर वहीं राज्य सरकार और प्रशाशन द्वारा कोरोना को गंभीरता से न लेने का आरोप भी लगाया। जिले के भोजपुर गाँव में काफी ज़्यादा प्रवासी आए। उन्होंने सरकार द्वारा किये गए क्वारेनटाइन सेंटर की व्यवस्था की तरीफ की। वहाँ उन्हें सारी सुविधा उपलब्ध कराई गई। मगर ये इलाका उत्तर प्रदेश के बलिया से निकट है तो लोगों को उत्तर प्रदेश की काफी जानकारी भी है, और इसी वजह से लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में किये गए कार्यों की प्रसंशा की।