आज विपक्ष के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि विधेयक पारित हो गया। आपको बता दें कि सुबह से ही विपक्षी सांसद राज्यसभा में जोरदार हंगामा कर रहे थे। इस दौरान कई विपक्षी सांसदों ने गलत व्यवहार किया, साथ ही साथ मर्यादाओं को भी तार-तार किया। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के उपसभापति के माइक को तोड़ दिया, जिससे राज्यसभा टीवी की कार्यवाही कुछ देर के लिए म्यूट हो गई। इसके साथ ही सांसदों ने रूलबुक को भी फाड़ दिया। खबर के अनुसार जनरल सेक्रेटरी के टेबल को भी तहस-नहस किया गया। हालांकि भारी हंगामे के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि विधेयक को पारित करा लिया। इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि “यह बिल किसानों को कई अधिकार देगा. इससे किसान की आय दोगुनी होगी। साथ ही साथ फसलों को लेकर एमएसपी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान अब अपनी उपज जिस मंडी में उन्हें ज्यादा भाव मिले, वहां बेंच सकता है।
विपक्ष ने बिल का विरोध किया
आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस बल्कि जरिए सरकार 30% किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों को देना चाहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान इस बिल से बहुत आहत है। यह किसानों के लिए एक डेथ वारंट जैसा है। वहीं पर आम आदमी पार्टी ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि हिंदुस्तान का किसान कभी माफ नहीं करेगा और सरकार को इस कानून को वापस लेना पड़ेगा। राज्यसभा में टीएमसी के एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने भी राज्यसभा में काफी हंगामा किया।
हालांकि इन सब मुद्दों पर और विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी के नेता और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने भी सदन में जवाब दिया। राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह बिल किसानों को कई अधिकार देगा। इससे किसानों की आय दुगनी भी होगी। इस बिल का इंतजार किसान 70 साल से कर रहे थे और अब जाकर किसानों के साथ न्याय होगा। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि आपने 60 साल तक शासन किया, किसानों की आय क्यों नहीं बढ़ी? इसके साथ ही बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरपीआई के प्रमुख रामदास अठावले ने भी बिल का समर्थन किया और कहा कि आज किसानों के न्याय का दिन है और उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है।