महाराष्ट्र पुलिस के सस्पेंडेड असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने एनआईए कोर्ट में अपने हाथ से लिखित बयान दिया है। सबसे बड़ी बात वाजे ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ बड़ा आरोप लगाया है। वाजे ने कहा कि 6 जून 2020 को उन्हें फिर से नौकरी पर बहाल किया जाता है और इसके बाद उनके पास गृह मंत्री अनिल देशमुख का फोन आता है। गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन से बोलते हैं कि फिर से उन्हें सस्पेंशन में डाल दिया जाएगा ,ऐसा शरद पवार साहब का कहना है। लेकिन हम उन्हें मना लेंगे और तुम इसके बदले में हमें दो करोड़ रुपए दे दो। वाजे के अनुसार वह दो करोड़ रुपए देने से मना करते हैं तो अनिल देशमुख कहते हैं कि ठीक है तुम नौकरी करते रहना और हम को पैसे बाद में दे देना। इसके बाद सचिन वाजे ने आरोप लगाया कि जनवरी महीने में सचिन वाजे को महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर बुलाया जाता है और वहां पर उनके पीए भी मौजूद रहते हैं। इस दौरान गृह मंत्री अनिल देशमुख उनको आदेश देते हैं कि महाराष्ट्र के मुंबई में 1650 के करीब बार है और इन बार से तुम 3 से 3.5 लाख रुपए प्रत्येक बार से हर महीने इकट्ठा करोगे और यह पैसे करीब 100 करोड़ होंगे और तुम उन्हें उनके पास पहुंचाओगे। इसके बाद सचिन वाजे कहते हैं कि वह ऐसा करने से मना कर देते हैं और उसके बाद यह सारी बातें मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को बताते हैं। सचिन ने कहा कि परमवीर सिंह उन्हें प्रेरित करते हैं और कहते हैं कि तुम ऐसा कुछ भी नहीं करोगे और किसी भी अवैध काम में नहीं फसोगे। यानी कि मुंबई पुलिस कमिश्नर का बचाव सचिन वाजे ने किया है।
साथ ही साथ सचिन वाजे ने अपने हाथ से लिखित बयान में बताया है कि नवंबर महीने में एक घोड़ावत करके व्यक्ति उनके पास आते हैं और वह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के करीबी बताए जाते हैं। डिप्टी सीएम के करीबी घोड़ावत, वाजे को महाराष्ट्र के अवैध गुटका और तंबाकू वाले कारोबार के बारे में बताते हैं और उन्हें कुछ नंबर देते हैं और कहते हैं कि इनके जरिए 100 करोड़ रुपए उन तक पहुंचाएं। इसके बाद वाजे कहते हैं कि मैंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उप मुख्यमंत्री के करीबी ने उन्हें धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो वह फिर से अपनी नौकरी खो सकते हैं। इसके बाद वाजे के मुताबिक वह अवैध गुटखा कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करने लगते हैं। इससे उपमुख्यमंत्री खुश नहीं होते हैं और उन्हें फिर से ऐसा ना करने की हिदायत दी जाती है।
आपको बता दे सचिन वाजे सिर्फ अजित पवार और अनिल देशमुख के खिलाफ ही नहीं बल्कि शिवसेना और उद्धव ठाकरे के करीबी मंत्री अनिल परेब पर भी आरोप लगाते हैं। महाराष्ट्र सरकार में उद्घव ठाकरे के करीबी और मंत्री अनिल पारेब पर आरोप लगाया है कि 1 अगस्त 2020 को मंत्री जी उन्हें अपने बंगले पर बुलाते हैं। उन्हें किसी मामले को याद दिलाते है और कहते हैं इस मामले में इंक्वायरी चल रही है। उस व्यक्ति को बुलाने के लिए कहते हैं और कहते हैं कि इंक्वायरी को बंद करने के लिए उससे ₹50 करोड़ मांग लो। सचिन वाजे कहते हैं कि मैंने ऐसा करने से मना कर दिया।