पीएम नरेंद्र मोदी 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और पिछले सात साल से देश के प्रधानमंत्री हैं। इस तरह संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्हें 20 साल पूरे हो रहे हैं। 71 साल के नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था।
7 अक्तूबर 2001 को मोदी ने गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। 22 मई 2014 तक वह लगातार चार बार मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। 2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई और नरेंद्र मोदी को देश का 15वां प्रधानमंत्री चुन लिया गया। पढ़िए, मोदी ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने 20 साल के कार्यकाल में कौन से 20 बड़े फैसले लिए है|
पीएम मोदी के बेमिसाल 20 फैसले:
प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहते हुए 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने कालेधन का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे अचानक 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री के इस फैसले की चर्चा पूरी दुनिया में हुई।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे कालेधन की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। पीएम मोदी के इस फैसले का एक पक्ष ने विरोध किया तो दूसरे ने खुलकर समर्थन भी किया। इससे पहले 1946 और 1978 में भी नोटों पर रोक लगी थी। हालांकि, तब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर लोगों के पास मौजूद 1000, 5000 और 10,000 के सभी नोट वापस ले लिए थे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी के बाद 16 हजार करोड़ रुपए वापस नहीं आए। ये 500 और 1000 रुपए के नोट थे।
18 सितंबर 2016 की बात है। जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में इंडियन आर्मी के मुख्यालय पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें 19 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 30 से ज्यादा जवान घायल हुए। जवाबी फायरिंग में चार आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल कमेटी की बैठक की और इस हमले का बदला लेने का फैसला लिया।
मोदी ने ट्वीट करके कहा था कि इस हमले के पीछे शामिल लोगों को सजा जरूरी मिलेगी। इसके बाद 28 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। आधी रात यानी 12 बजे MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए 150 कमांडो एलओसी के पास उतरे। यहां से पैरा 25 कमांडो ने एलओसी पार की और तीन किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। आतंकी हमले का इस तरह से जवाब देने पर पीएम मोदी की चर्चा पूरी दुनिया में हुई।
बालाकोट एयरस्ट्राइक से पूरी दुनिया को किया हैरान:
आतंकवादियों ने 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया। इसमें 40 जवान शहीद हो गए। एक आतंकवादी भी मारा गया। हमले के बाद पूरे देश में गम और गुस्सा देखने को मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने आतंकियों को जवाब देने का फैसला लिया। तय हुआ कि एयर स्ट्राइक के जरिए ये काम हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत आदेश जारी कर दिया। इसके बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। इसमें 300-400 आतंकवादी मारे गए थे। भारत के इस कदम को दुनिया के कई देशों ने अपना समर्थन दिया।
जम्मू कश्मीर पर लिया ऐतिहासिक फैसला:
चौंकाने वाला चौथा फैसला कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का रहा। 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया है। इसी दौरान जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य के गठन का भी एलान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। हिंसा और बवाल की आशंका को देखते हुए जम्मू कश्मीर के कई नेताओं और अलगाववादियों को हिरासत में ले लिया गया। सरकार ने पूरे जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया। पीएम मोदी के इस फैसले की पूरी दुनिया में चर्चा हुई।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आगाज:
27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वैश्विक मंच से उन्होंने दुनियाभर के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग को जरूरी ठहराया और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मांग की। इसके बाद हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है।
उज्ज्वला योजना से गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन दिया:
प्रधानमंत्री मोदी ने 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लॉन्च किया। प्रधानमंत्री की ये महत्वाकांक्षी योजना थी। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन दिया गया। अब तक 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में उज्जवला योजना 2.0 लॉन्च किया है।
आयुष्मान भारत योजना से मुफ्त इलाज की सुविधा:
देश के गरीब नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना का एलान किया था। इसके तहत गरीब परिवारों सरकार की तरफ से पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराती है। सभी लाभार्थियों का एक कार्ड बनता है, जिसके जरिए वह पांच लाख रुपए तक का इलाज किसी भी अस्पताल में मुफ्त में करा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने कई सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को शामिल किया है। जहां लाभार्थी मुफ्त इलाज करा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण और शहरी आवास योजना शुरू किया:
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एवं ग्रामीण) लॉन्च की थी। इस योजना का उद्देश्य सभी निम्न वर्गों, पिछड़े वर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। 31 मार्च 2022 तक देश के दो करोड़ लोगों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है।
नई शिक्षा नीति राष्ट्रीय स्तर पर लागू की गई:
1986 के बाद देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार ने नई शिक्षा नीति को लागू किया। 29 जुलाई 2020 को इसकी घोषणा हुई जिसके अंतर्गत मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया। नई शिक्षा नीति के अनुसार पांचवीं तक की शिक्षा को स्थानीय और मातृ भाषा में देने पर बल दिया गया, साथ हीं अब उच्च शिक्षण संस्थानों में भी एक समान शिक्षा दी जाएगी।
मुस्लिम महिलाओं के लिए नया कानून:
22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित कर दिया। इसके बाद सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 लोकसभा में पेश किया। पारित होने के बाद इसे राज्यसभा में नहीं भेजा जा सका। 2018 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए इसे लागू कर दिया।
2019 में दूसरी बार अध्यादेश लाया गया। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने एक बार फिर से लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पेश किया। दोनों जगह से मंजूरी मिलते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नया कानून लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा दिलाने के इस फैसले पर बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया।
पड़ोसी मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए कानून:
2019 में दोबारा सरकार बनने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया। इस दौरान उन्होंने देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को संसद में पेश किया। नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता का अधिकार मिल गया।
यानी इन देशों के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई जो सालों से शरणार्थी की जिंदगी जीने को मजबूर थे, उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार मिल गया। पीएम मोदी के इस फैसले का काफी विरोध हुआ। दिल्ली में हिंसा हुई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए। लंबे समय तक आंदोलन हुआ, लेकिन सरकार ने ये फैसला वापस नहीं लिया।
बांग्लादेश के साथ 41 साल का विवाद खत्म किया:
जून 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के साथ 41 साल से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म कर दिया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और नरेंद्र मोदी ने भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किया। समझौते के तहत भारत को करीब 7 हजार एकड़ जमीन मिली और बांग्लादेश को करीब 17 हजार एकड़ जमीन मिली। भारत के 111 गांव बांग्लादेश को मिल गए और बांग्लादेश के 51 गांव भारत को दिए गए।
स्वच्छ भारत मिशन का आगाज़:
2014 में पहली बार सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इसे शुरू करते हुए पीएम मोदी ने लोगों से अपने आस-पास साफ-सफाई रखने की गुजारिश की। बाद में सरकार ने स्वच्छता टैक्स यानी सेस भी लागू किया। पीएम मोदी के इस अभियान का व्यापक असर भी दिखा। सरकार ने साफ-सफाई के लिए जिले स्तर पर प्रतियोगिताएं भी शुरू कीं।
जन धन योजना से देश को जोड़ा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को जन धन योजना की घोषणा की। इसके मुताबिक, देश के प्रत्येक नागरिक का जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खुलवाना था। सभी को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना था। इस योजना का शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को किया गया।
योजना के उद्घाटन के दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए। बैंक खाता खुलने के बाद सरकार की तमाम योजनाओं के लाभार्थियों को सब्सिडी सीधे उनके खाते में भेजी जाने लगी। इसके अलावा इस योजना के तहत लोगों को एक लाख रुपये तक के दुर्घटना बीमा कवर की सुविधा भी प्रदान की गई। अब तक करीब 20 करोड़ से ज्यादा जनधन बैंक खाते खोले जा चुके हैं।
वाइब्रेंट गुजरात समिट का आगाज किया:
गुजरात में निवेश बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी ने 2003 में वाइब्रेंट गुजरात समिट की शुरूआत की। तब गुजरात देश का इकलौता प्रदेश था, जहां इस तरह के कार्यक्रम के जरिए निवेश बढ़ाया जाता था। इसका काफी लाभ मिला। इसके बाद से हर दो साल में ये कार्यक्रम गांधीनगर में आयोजित होने लगा। इसमें देश और विदेश के कई बड़े कारोबारी शामिल होते हैं और राज्य में निवेश के लिए सरकार से समझौता करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार देश और विदेश के कारोबारियों ने गुजरात में 2015 में 12.36 बिलियन डॉलर का कैपिटल इंवेस्टमेंट किया। 2014 की तुलना में ये छह गुना ज्यादा थी। 2013 से 2017 के बीच करीब 86 लाख करोड़ रुपए के निवेश हुए।
धार्मिक स्वतंत्रता कानून लागू करना:
2002 में गोधरा कांड और साम्प्रदायिक दंगों के बाद 2003 में मोदी ने प्रदेश में गुजरात धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2003 लागू किया। इसके मुताबिक, जबरन धर्म परिवर्तन, लालच देकर या धोखे से धर्म बदलवाना अपराध घोषित हो गया। अब इसमें शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन कराने को भी अपराध की श्रेणी में कर दिया गया है।
गुजरात के शिक्षा पद्धति में किया बदलाव
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही नरेंद्र मोदी का फोकस शिक्षा पद्धति पर था। तब उन्होंने गुजरात के शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव करते हुए 9वीं, 11वीं और 12वीं सांइस ग्रुप में सेमेस्ट सिस्टम लागू करवाया था। प्राइमरी स्कूल में बोलने, गाने और लिखने पर फोकस किया गया। बच्चों में अच्छे संस्कार हों, इसके लिए भी अलग से क्लास चलती थी। पाठ्यक्रम भी इसी के हिसाब से निर्धारित होते हैं।
पारदर्शिता के लिए सरकारी दफ्तरों में सीसीटीवी लगवाया:
नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी दफ्तरों की मॉनिटरिंग के लिए सख्ती शुरू की। देश में पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी राज्य के सरकारी दफ्तरों में सीसीटीवी लगाए गए थे। इसके अलावा मोदी ने सार्वजनिक जगहों और अति संवेदनशील जगहों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए। इसका उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना था।भर्ती और तबादले की प्रक्रिया प्रदेश में युवाओं को ईमानदारी से नौकरी मिल सके और अफसरों का सही से ट्रांसफर हो, इसके लिए मोदी ने भर्ती और तबादले की नीति जारी की। भर्ती प्रक्रिया को सरल किया और तबादले की प्रक्रिया पारदर्शी बना दी।
कृषि महोत्सव का आगाज किया:
प्रदेश के किसानों को बेहतर तकनीक और नए शोध से जोड़ने के लिए नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कृषि महोत्सव का आगाज किया। इसमें प्रदेशभर के किसानों को बुलाया जाने लगा और उन्हें किसानों और कृषि से जुड़ी नई-नई तकनीकों से रूबरू कराया जाने लगा। इसी महोत्सव में मोदी ने किसानों को मौके पर ही अनुदान देने की योजना भी शुरू की।