खुशी गुप्ता, जन की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं।बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम है और इसे मिशन यूपी 2022 के रूप में भी देखा जा रहा है।
वहीं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में स्वागत भी किया। साथ ही पीएम मोदी ने वाराणसी के लिए 5200 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उदघाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘क्या कभी किसी को याद है कि यूपी के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे।सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
आगे पीएम मोदी ने कहा, ‘आज का दिन पूर्वांचल के लिए और पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है, आपके लिए एक उपहार लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में यूपी के 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण हो रहा है, इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए बहुत जरूरी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी योजना शुरू होने जा रही है।आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है।सिद्धार्थनगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।उन्होंने आगे कहा, ‘सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है।माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।