प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर है, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के पंचमहल जिले के पावागढ़ पहाड़ी पर पुनर्निर्मित कालिका मंदिर का उद्घाटन कर ध्वज फहराया एवं पूजा अर्चना की। बता दें कि आज मंदिर के शिखर पर 500 साल बाद और आज़ादी के 75 साल बाद फिर से धर्म ध्वज फहराया गया है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर के शिखर पर फिर से ध्वज फहरा रहा है, यह शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है बल्कि यह ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियाँ बदलती हैं, युग बदलते हैं लेकिन आस्था का शिखर हमेशा शाश्वत रहता है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि “आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं, आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है उन पर गर्व कर रहा है”।
PM Sri @narendramodi inaugurates redeveloped 500 year old temple on Pavagadh Hills which was destroyed by Mohammed Begda.
He unfurls flag on top of the temple after 500 years & after 75 years of independence. The cultural reclaim has been a matter of faith for this regime. pic.twitter.com/GB3kEbr6sT
— B L Santhosh (@blsanthosh) June 18, 2022
आपको बता दें कि इस पर्वत को पावागढ़ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर हवा एवं पानी का वास हमेशा एक समान रहता है। बता दें कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था।
सन् 1540 में सुल्तान महमूद बेगड़ा ने चंपानेर में हमले के वक्त कालिका मंदिर के शिखर को ध्वस्त कर मंदिर के स्थान पर पीर सदनशाह की दरगाह बना दी थी। बीते कई सालों से मंदिर के शिखर पर दरगाह कमेटी का कब्जा था जिसके कारण मंदिर पर किसी भी प्रकार का ध्वज नहीं फहराया जा सकता था।
मुस्लिम पक्ष से कई दौर की बातचीत के बाद 2017 में पुन: मंदिर को नए स्वरूप में बदलने का काम शुरू किया गया। नया मंदिर परिसर 30000 वर्ग फ़ीट के दायरे में फैला हुआ है, और इसे बनने में करीब 125 करोड़ रुपए की लागत आई है।