कंझावला केस में पुलिस की जल्दबाज़ी और पीड़िता अंजलि की सहेली निधि के लगातार झूठ बोलने के बाद ये केस और ज्यादा उलझ गया है। निधि के दिए बयानों को घटना से मिलाने के बाद उनमे कई असमानताएं पायी गयी हैं, जिसके बाद निधि पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. आज इसी केस में प्रदीप भंडारी के शो जनता का मुकदमा पर पीड़िता अंजलि के दोस्त और पारिवारिक डॉक्टर भूपेंद्र चौरसिया ने प्रदीप भंडारी से ख़ास बातचीत की, इस बातचीत में डॉ चौरसिया ने अंजलि की मौत के कई पहलुओं पर बात करते हुए दिल्ली पुलिस से अंजलि के गुनाहगारो पर 302 यानी हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग की. साथ ही डॉ चौरसिया ने अंजलि की कथित सहेली निधि की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा की निधि को भी आरोपी मानते हुए दिल्ली पुलिस को उससे पूछताछ करनी चाहिए.
302 में मुकदमा दर्ज करे दिल्ली पुलिस
मुझे ऐसा लगता है की 302 का मुकदमा जल्द से जल्द दायर होना चाहिए, और अभी तक ऐसा क्यों नहीं हुआ ये भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है. बलेनो कार का ग्राऊंड क्लीयरेंस 170 mm होता है, जो की लगभग 6 इंच होता है, और 6 इंच के ग्राउंड क्लीयरेंस वाली एक कार में किसी बॉडी का फंसना एकदम नामुमकिन है. इतने कम ग्राउंड क्लियरेंस वाली कार में कैसे ये बॉडी फंसती है और 13 किलोमीटर तक घिसटती रहती है ? जिस वक़्त पूरा भारत नए साल का जश्न मन रहा था, उस वक़्त दिल्ली के एक गरीब परिवार की बेटी की उन राक्षसों के हाथों इस तरीके से निर्मम हत्या होती है, मैं दिल्ली पुलिस से आग्रह करता हूं की ये जो निधि है, इससे अच्छे से पूछताछ की जाये. दूसरी बात ये की जो दिल्ली पुलिस का रवैया है वो बेहद असंवेदनशील है, पहले दिल्ली पुलिस ने 1 जनवरी को बड़े आराम से कहा की ये और कुछ नहीं सिर्फ एक दुर्घटना है. मैं पूंछता हूं की आखिर दिल्ली पुलिस को किस बात की जल्दबाज़ी थी?
अंजलि के हत्यारों को मिले फांसी की सजा
आगे उन्होंने बताया की जब दुर्घटना हुई सिर्फ तब तक ही वो एक्सीडेंट था, लेकिन उसलके बाद जो हुआ, जिस तरह से अंजलि को 13 किलोमीटर तक बेरहमी से घसीटा गया वो साफ़ साफ़ हत्या है, दुर्घटना नहीं है. उन दरिंदों ने अंजलि को बचने की एक भी कोशिश नहीं की, वो उसको हॉस्पिटल ले जा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अंजलि के साथ जो क्रूरता हुई है, जिस तरह से उसका पूरा दिमाग डैमेज था, उसकी पीठ पर मांस का एक टुकड़ा नहीं बचा था, 45 किलो की अंजलि 15 किलो की होकर मिलती है, मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं की निधि जिसको दिल्ली पुलिस ने चश्मदीद बनाया हुआ है, उसके बयान के आधार पर तुरंत इस मामले को हत्या की धरा 302 लगाकर दर्ज करें. मेरी मांग है की जितने भी आरोपी है उनपर 302 लगाकर मुकदमा दर्ज करें और उन्हें फांसी की सजा दिलाएं.
प्रदीप भंडारी की मुहीम की सराहना की
डॉक्टर चौरसिया शो की शुरुआत में इस केस को लेकर प्रदीप भंडारी द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रव्यापी मुहीम की सराहना भी की, उन्होंने कहा की – प्रदीप भंडारी ने इस केस को राष्ट्रव्यापी मुहीम बना दिया है, इसी तरह आपने सुशांत सिंह राजपूत केस में भी एक अथक लड़ाई जारी की थी जो अभी तक चल रही है और इसके लिए मैं आपको पूरे देश की तरफ से धन्यवाद देना चाहता हूं.