त्रिपुरा चुनाव का बिगुल बज चुका है, 16 फरवरी को त्रिपुरा में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उसके बाद 2 मार्च को नतीजे आएंगे, लेकिन उससे पहले देश के सबसे चुनावी विश्लेषक और इंडिया न्यूज़ के न्यूज़ डाइरेक्टर और जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी हर चुनाव की तरह इस बार भी त्रिपुरा में जनता के बीच पहुँच गए हैं. प्रदीप भंडारी कल शाम त्रिपुरा के देवबर्मा में त्रिपुरी समुदाय के लोगों के बीच पहुंचे और वहां जनता का मूड जानने की कोशी की, साथ ही प्रदीप भंडारी ने त्रिपुरी समुदाय के बीच से एक एक्सक्लूसिव चुनाव पूर्व रिपोर्ट भी दी. आपको बता दें की देवबर्मा में जो त्रिपुरी समुदाय है उसका आदिवासी बेल्ट में काफी ज्यादा प्रभाव है, तो भौगोलिक तौर पर त्रिपुरा चुनाव में देबबर्मा की भूमिका काफी अहम् रहने वाली है।
प्रदीप भंडारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा के पास खोवाई काफी महत्वपूर्ण सीट है, खासकर बीजेपी के लिए, और उम्मीद जताई की इस सीट पर मुकाबला बीजेपी के लिए काफी कड़ा होने वाला है, और आने वाली 2 मार्च को पता चल जायेगा की जनता का प्यार आखिर किस तरफ है।
60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जहा 16 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा ने पिछले चुनाव में सीपीएम को सत्ता से बाहर करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में भाजपा को 33 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सीपीएम के खाते में 15 और आईपीएफटी के हिस्से में 4 सीटें आईं। बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा ने बिप्लब देब को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उनके प्रदर्शन से असंतुष्ट होकर पार्टी को उनकी जगह डॉक्टर माणिक साहा को नया सीएम बनाना पड़ा।
भारत-बांग्लादेश सीमा के पास खोवाई जिले से प्रदीप भंडारी ने इस विधानसभा सीट का इतिहास बताया, और बताया कि कैसे यह सीट भारतीय जनता पार्टी और CPI(M) के लिए महत्वपूर्ण है।
खोवाई विधानसभा को CPI(M) का गढ़ माना जाता है , 1993 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज कराई थी, उसके बाद से लगातार यहां CPI(M) की सरकार है, 2018 में CPI(M) से निर्मल बिस्वा ने भारतीय जनता पार्टी के अमित रक्षित को 2736 वोटों के मार्जिन से हराया था।
इस बार भारतीय जनता पार्टी ने खोवाई विधानसभा में स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दी है पिछली बार यहां से भारतीय जनता पार्टी ने अगरतला से अमित रक्षित को टिकट दिया था।
खोवाई विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने पानी पहुंचाया है और सड़के बनाई है तो क्या इस बार भाजपा द्वारा किया गया विकास CPI(M) के गढ़ में टक्कर देगा, यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा। CPI(M) अगर इस बार चुनावी सर्वेक्षण पलटना चाहती है तो उसे खोवाई जिले मैं अपनी जीत बरकरार रखनी पड़ेगी।