मोदी सरकार ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत सूडान में फंसे हजारों भारतीयों का रेस्क्यू शुरू शुरू कर दिया है। कल 360 भारतीयों का जत्था दिल्ली पहुंचा तो सभी पीएम मोदी के नारे लगाते हुए एयरपोर्ट से बाहर आए।
पीएम मोदी ने हिंसा प्रभावित सूडान में भारतीयों की स्थिति की समीक्षा के लिए 21 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने भाग लिया था।
सूडान में 3,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ, पीएम मोदी को जमीन पर स्थितियों की पहली रिपोर्ट मिली। पीएम मोदी ने संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने, घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी करने और सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया।
बताते चलें कि सूडान सेना और अर्धसैनिक बल के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से सुलग रहा है। यहां करीब 3000 भारतीय फंसे हुए हैं। भारत सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। सूडान से लौटे एक भारतीय ने कहा, “भारत सरकार ने हमारा बहुत साथ दिया है, हम यहां सुरक्षित पहुंच गए यह बहुत बड़ी बात है। मैं पीएम मोदी और भारतीय सरकार को धन्यवाद देता हूं।
एक भारतीय नागरिक ने कहा, “मैं भारत सरकार का शुक्रगुजार हूं। सऊदी अरब ने भी अच्छा काम किया है। मैं अच्छी व्यवस्था के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और डॉ. एस जयशंकर को सलाम करता हूं।”
सूत्रों के अनुसार ज्यादातर भारतीय सूडान की राजधानी खार्तूम में फंसे हुए हैं। भारत का फोकस फंसे भारतीयों की सुरक्षा और सेफ्टी है। सूडान में जारी हिंसा के कारण हवाई आवाजाही बंद हो चुकी है। इस कारण भारत सूडान में फंसे भारतीयों को सड़क मार्ग के जरिए निकालने का प्लान बना रहा है।