पीएम मोदी 1974 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद पहले पीएम होंगे जो जापान के हिरोशिमा जाएंगे। उनसे पहले तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू 1957 में हिरोशिमा का दौरा किया था, इसके बाद से कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री जापान के हिरोशिमा नहीं गया। इसीलिए पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 मई से लेकर 21 मई तक जापान दौरे पर रहेंगे। इस बार जापान इस समिट की अध्यक्षता कर रहा है। जी-7 देशों में जापान, फ्रांस, कनाडा, इटली, अमेरिका, यूके और जर्मनी हैं. इस सम्मेलन में भारत समेत कई अन्य देशों को निमंत्रण दिया गया है। भारत इस सम्मेलन में अपने मुद्दों को रखेगा और चाहेगा कि उसका मैसज पूरी दुनिया तक जाए. पीएम मोदी कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। खासतौर पर चीन की हरकतों को रोकने के लिए पीएम मोदी का जी-7 समिट में शामिल होना काफी अहम माना जा रहा है।
इस दौरान पीएम मोदी कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। छह दिवसीय दौरे (19-24) के दौरान पीएम मोदी बिजनेसमैन, खास हस्तियों, विद्वानों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री सिडनी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि भारत के न्यूक्लियर टेस्ट और एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर वह जापान के लोगों और खासकर हिरोशिमा की संवेदनशीलता से अच्छे से अगवगत है। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान, टोक्यो परमाणु हमले के पीड़ित परिवारों के साथ जी-7 नेताओं की बैठक कर सकता है। ऐसे में दिल्ली इस बात पर जोर देगा कि वह एनपीटी को भेदभावपूर्ण मानता है ।