Voice Of The People

लद्दाख में बर्फ पिघलने से आई बाढ़, आवागमन बाधित; भारतीय सेना ने बचाव अभियान चला फंसे हुए लोगों को बचाया

बर्फ के पिघलने के कारण 25 जून को अचानक आई बाढ़ से लद्दाख के तुरतुक, त्याक्षी और थांग तबाह हो गए। आपदा के कारण परिवहन मार्ग टूट गए, जिससे लोकल लोग और पर्यटक फंस गए। हालाँकि, भारतीय सेना के सियाचिन वारियर्स ने एक बचाव अभियान शुरू किया, और लोकल लोगों और पर्यटकों के लिए आवागमन बहाल कर दी।

इस क्षेत्र का इतिहास उथल-पुथल भरा रहा है। तुरतुक का इतिहास संघर्ष से भरा रहा है। 1947-1948 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान यह पाकिस्तान के कब्जे में आ गया था, लेकिन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तुरतुक की लड़ाई में भारत ने इसे फिरसे प्राप्त कर लिया। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इस क्षेत्र को फिर से अशांति का सामना करना पड़ा।

तुरतुक ने 2010 में पर्यटन को अपनाया। यह क्षेत्र हमेशा प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बाढ़ के प्रति संवेदनशील रहा है। 2010 में, भारतीय सेना का बेस कैंप तुरतुक लुंगपा और श्योक नदी के चौराहे बिंदु पर था, लेकिन अचानक आई बाढ़ से यह नष्ट हो गया, जिससे सेना के कई सैनिकों की मौत भी हो गई।

SHARE

Must Read

Latest