भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम ने बंगाल की खाड़ी में महानदी बेसिन ब्लॉक में दो महत्वपूर्ण प्राकृतिक गैस भंडार की खोज की है। इसके साथ ही उच्च जोखिम वाले गहरे पानी की खोज में उतरने के कंपनी के प्रयासों के परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार महारत्न कंपनी ने ब्लॉक एमएन-डीडब्ल्यूएचपी-2018/1 में खोज की, जिसे उसने 2019 में ओपन एकरेज लाइसेंसिंग नीति के तहत नीलामी के तीसरे दौर में जीता था।
बताते चलें कि यह विकास उस क्षेत्र में किया गया है जिसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के कारण ‘नो-गो’ क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
उन्होंने कहा कि पहली खोज, जिसका नाम उत्कल है, 714 मीटर पानी की गहराई में है और प्रारंभिक परीक्षण के दौरान प्रति दिन 3 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक गैस बहती है, उन्होंने कहा, दूसरी खोज 1,110 मीटर की पानी की गहराई पर है।
वर्तमान खोज से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलने की संभावना है क्योंकि देश अपनी गैस जरूरतों का लगभग आधा हिस्सा आयात करता है। भारत का लक्ष्य अपनी ऊर्जा टोकरी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक 15 प्रतिशत करना है और अधिक घरेलू उत्पादन से इसमें मदद मिलेगी।