अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले आज यानी 16 जनवरी से वैदिक मंत्रोच्चार और यज्ञ के साथ अनुष्ठान शुरू होगा। आगामी 22 जनवरी को अयाेध्या में बने भव्य मंदिर में श्रीराम विराजेंगे। ऐसे में श्री राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और पूजन विधि कार्यक्रम दोपहर से शुरू होगी।
सूत्रों के अनुसार अनिल मिश्रा मुख्य यजमान होंगे। दोपहर डेढ़ बजे के करीब दशविधि स्नान से अनुष्ठान आरंभ होगा, मुख्य यजमान के रूप में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा अनुष्ठान में बैठेंगे और 50 वैदिक प्रक्रिया के साक्षी बनेंगे। मुख्य यजमान सरयू जल के साथ 10 प्रकार के स्नान करेंगे, जिसमें गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, भस्म, कुशोदक-कुश मिला हुआ जल पंचांग रहेगा। साथ ही गोबर से भी स्नान करेंगे। इस दौरान यजमान का खान-पान और वस्त्र सब अलग होंगा और व्रत शुरू हो जाएगा। अयोध्या के सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान होगा।
कल 17 जनवरी को राम लला की मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा, 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास होगा। कर्नाटक के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की श्यामवर्ण मूर्ति गर्भगृह में विराजित होगी, 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा।
20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास होगा, 21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास होगा, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे।