अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। लेकिन रिपोर्ट के आने के एक साल पूरा होने तक अडानी समूह ने बाजार पूंजीकरण में हुए ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली है। वह दुनिया भर से निवेश जुटा रहा है और सबसे महत्त्वपूर्ण जांच से भी वह लगभग बाहर निकल आया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक लेटर के माध्यम से इसका जवाब दिया है। उन्होंने इस अनुभव को महत्वपूर्ण सबक सिखाने वाला बताया है और रिपोर्ट में दिए गए आरोपों को निराधार बताया है।
गौतम अडानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को लिखे गए एक लेटर में एक साल पुराने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट मामले पर अब अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा है, “उस समय हमारे खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप कोई नई बात नहीं थी और इसलिए व्यापक जवाब जारी करने के बाद हमने इसके बारे में और कुछ नहीं सोचा।”
गौतम अडानी ने कहा है कि उनकी कंपनियों के प्रदर्शन से ही पता चलता है कि आरोप ‘निराधार’ थे और इसीलिए उन्होंने इसे गंभीर विषय न समझते हुए इसे जल्द ही भुला दिया है। उन्होंने बताया कि हालांकि इस अनुभव ने कंपनी को महत्वपूर्ण सबक सिखाया है और उन्होंने अपने स्टाफ को सुरक्षित रखने और उनकी आत्म-संरक्षण के लिए नई दिशा दी है।