देश के पूर्व सीआईसी और वरिष्ठ पत्रकार रहे उदय माहुरकर ने बाबा रामदेव के समर्थन में बड़ी बातें कही हैं। हाल ही में बाबा रामदेव की ओर से कोर्ट में माफी मांगी गई थी। भ्रामक विज्ञापन को लेकर बाबा रामदेव के खिलाफ मामला चल रहा है। इसको लेकर उदय माहुरकर ने बताया कि किस तरह से बाबा रामदेव और उनकी पूरी टीम रिसर्च के बाद ही कोई भी क्लेम करते हैं।
बिना रिसर्च के कोई क्लेम नहीं करते बाबा रामदेव: उदय माहुरकर
उदय माहुरकर ने सबसे पहले अपनी बाबा रामदेव के साथ यात्रा बताई। उन्होंने कहा कि मैं बाबा रामदेव से 2003 में मिला और तब से ही मैं उनको कवर कर रहा हूं। जब मैं इंडिया टुडे में था 2003 से हम एक दूसरे को जानते हैं और यह मुझे पता है कि बाबा रामदेव जब भी कोई क्लेम करते हैं तो उसके पीछे बड़ी रिसर्च होती है और तब ही वह कोई क्लेम करते हैं।
उदय माहुरकर ने कहा कि मैं इंडिया टुडे के लिए एक आर्टिकल लिखा था जिसमें बताया था कि किस प्रकार से बाबा रामदेव पहले तथ्यों को और अपनी चिकित्सा पद्धतियों को वैज्ञानिक रूप से परख लेते हैं और उसके बाद कोई क्लेम करते हैं।
कई कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के विज्ञापन मिसलीडिंग: उदय माहुरकर
उदय माहुरकर ने कहा कि बाबा रामदेव की पतंजलि ने अब तक 500 रिसर्च पेपर पब्लिश किया, जिसमें से 300 रिसर्च पेपर ग्लोबल जनरल में पब्लिश हुए हैं उन्होंने कहा कि आप एडवर्टाइजमेंट की बात कर रहे हो। आज के समय में कंस्यूमर प्रोडक्ट्स के विज्ञापन देखो कितने मिसलीडिंग हैं।
1954 का ड्रग रेमेडीज एक्ट खत्म करना चाहिए: उदय माहुरकर
उदय माहुरकर ने कहा, “जिस एक्ट के तहत आईएमए कोर्ट पहुंचा है, वह है 1954 का ड्रग्स रेमेडीज एक्ट। यह कहता है कि देशभर में 54 बीमारियां ऐसी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। इसमें बुखार भी है क्या आज के समय में बुखार का इलाज नहीं है। अब सोचिए विज्ञान कितना आगे बढ़ चुका और अभी एक्ट कब का है। इस सरकार ने तो 1500 से अधिक कानून खत्म किए हैं और इसको भी करना चाहिए।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है। एलोपैथी का क्या रिकॉर्ड है। इसका भी रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है। एलोपैथी दवाइयां इतनी महंगी हो गई है कि आम आदमी इलाज नहीं करा सकता। इसलिए सरकार को आयुष्मान भारत योजना लानी पड़ी ताकि गरीब आदमी भी अच्छा इलाज करवा सके।”
उदय माहुरकर ने कहा, “बाबा रामदेव ने जिस प्रकार से आयुर्वेद को पूरी दुनिया में पहुंचाया है वह काबिले तारीफ है। आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव ने आयुर्वेद को बहुत आगे बढ़ाया है। बाबा रामदेव 2-4 शब्द अधिक बोल गए होंगे लेकिन वह क्रांतिकारी मिजाज के हैं। कोर्ट का रवैया उनके प्रति ठीक नहीं है। Rip You Apart का क्या मतलब होता है? यह कोर्ट की गरिमा के खिलाफ नहीं है।”
आईएमए में चल रहा विवाद: उदय माहुरकर
उदय माहुरकर ने कहा, “बाबा रामदेव का रिसर्च पेपर जबरदस्त है। आईएमए के अंदर खुद झगड़ा चल रहा है। इसके पहले उनका कोई अध्यक्ष आया था जो कन्वर्जन की बात करता था और हिंदुओं को बोलता था तुम क्रिश्चियन में कन्वर्ट हो जाओ। तो पहले उनको अपने अंदर झांकना चाहिए। आयुर्वेद और योग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अगर कोई आगे बढ़ाया है तो बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण हैं।”
उदय माहुरकर ने कहा, “देश की संयुक्त अंतरात्मा की आवाज किसी भी संस्था से बड़ी है। बाबा रामदेव को अनकंडीशनल माफी मांगने को कहा गया। क्या वह कोई क्रिमिनल हैं? बाबा रामदेव तो आयुर्वेद में नोबेल प्राइज के हकदार है। जिस तरह से वह काम करते हैं, उन्होंने एक जंगल ले रखा है जहां पर बालकृष्ण अपनी वैज्ञानिकों की टीम के साथ रिसर्च करते हैं। पतंजलि ने रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की है जहां पर 500 से अधिक वैज्ञानिक हमेशा रिसर्च करते रहते हैं।”
कोरोनिल के दावे का सच: उदय माहुरकर
बाबा रामदेव की कोरोना की दवाई कोरोनिल को लेकर उदय माहुरकर ने कहा, “अगर उन्होंने कोरोनिल को लेकर कोई क्लेम किया है तो उसके पीछे भी बड़ी रिसर्च टीम होगी और उन्होंने रिसर्च किया होगा। बाबा रामदेव के कोरोनिल वाले दावे के पीछे भी बड़ा रिसर्च है।”
मेरी जिंदगी को बाबा रामदेव ने बदला: उदय माहुरकर
उदय माहुरकर ने कहा कि बाबा रामदेव ने मेरी जीवन को खुद बदल दिया है। एक तरीके से वह मेरे योग गुरु हैं। पहले मैं सिगरेट पीता था, मांस खाता था लेकिन अब मैं पूरी तरह से सात्विक भोजन करता हूं और इसका श्रेय बाबा रामदेव को ही जाता है। उन्होंने देश के करीब 25 फीसदी लोगों की जिंदगी में असर डाला है।