गुजरात चुनावों में हमारी टीम न सिर्फ जनता की नब्ज़ तलाश रही है बल्कि उन लोगों से भी मिल रही है जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी से जुड़े रहे हैं. कई जिलों में चुनावी माहौल को समझते हुए हमे यह पूरा एहसास हो गया है की भले ही नरेंद्र मोदी अब गुजरात में मुख्यमंत्री नहीं हैं फिर भी जनता का उनके लिए स्नेह कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ा ही है और आलम यह है की इस बार के प्रदेश चुनावों में लोगों ने मोदी के नाम पर मतदान करने का भी मन बनाया है. टीम ‘जन की बात‘ ने मुलाकात की दो ऐसी शख्सियत से जिन्होंने नरेंद्र मोदी को बहुत करीब से देखा है और जाना है.
उनके भाई अरविन्दभाई नरसीदास मोदी से मुलाकात
एक साधारण सा कमरा, उसके भीतर बैठा एक शख्स और उसकी आँखों में अपने भाई के लिए स्नेह, यह हमारी पहली मुलाकात थी नरेंद्र मोदी के भाई से. हमने उनसे जिज्ञासा वश वही सवाल किया जो अक्सर लोग उनसे किया करते होंगे और वो था:-
कैसा लगता है की आपके भाई आज देश के प्रधानमंत्री हैं? उनका जवाब था, “हमे ख़ुशी है की वो आज प्रधानमंत्री हैं, वो ऐसे ही आगे बढ़ते रहें और देश को आगे ले जाने का काम करें”.
हमने जब उनसे आगे नरेन्द्रमोदी की कर्मठता और उनके लगतार घंटों कम करने के विषय में पूछा और यह जानना चाहा की वो अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखते हैं तो अरविन्दभाई ने जवाब में वही कहा जो परिवार का हर सदस्य स्नेह रुपी चिंता में कहता है, “वो इतना परिश्रम करते हैं, और मैं कामना करता हूँ की वो अच्छा काम करने के साथ साथ सेहत का भी खूब ख्याल करें”.
हम विवश हो गए यह सोंचने पर की इतने साधारण से घर में रहने वाले शख्स का भाई आज प्रधान मंत्री है लेकिन उसके व्यवहार में सादगी के कितने ही रंग दिखते हैं. हमने अरविंदभाई से विदा लेते हुए बस यही कहा की जल्द मुलाकात होगी और उन्होंने हमे फिरसे घर आने का न्योता भी दिया.
उनकी शिक्षिका हीराबेन मूलचन्दास मोदी
आगे बढ़ते हुए हम पहुंचे नरेंद्र मोदी जी के विद्यालय में उनकी शिक्षिका रहीं हीराबेन के घर. यहाँ भी हमे सादगी का नायाब आभास हुआ और हमने जिज्ञासावश नरेंद्र मोदी जी के बचपन की कुछ बातें जानना चाही. हमने उनसे पूछा, की नरेंद्र मोदी का स्वाभाव कैसा था, क्या वह शरारत करते थे? हीराबेन ने बताया की वो बिलकुल शरारती नहीं थे बल्कि वो बहुत ही शांत स्वाभाव के थे और कभी भी शैतानी नहीं करते थे.
आगे हमने उनसे वो सवाल किया जो शायद उनसे मिलकर हर कोई करना चाहता और वो था की वो कैसा महसूस करती हैं की उनका छात्र आज देश का प्रधानमंत्री बन गया है?
उन्होंने बताया की उन्हें बहुत सुखद एहसास होता है, और हीराबेन ने आगे बताया की जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने उन्हें उनके विद्यालय के शिक्षिकों के सम्मान समारोह में भी बुलाया था. हीराबेन ने यह भी बताया की हर शिक्षक को ख़ुशी महसूस होती है जब उसका कोई छात्र अथवा छात्रा कुछ बड़ा मुकाम हासिल करती है. हीराबेन ने मोदी को राष्ट्रपति के रूप में देखने की भी इच्छा जताई.
हमने अंत में उनसे उनके छात्र और देश के प्रधानमंत्री के लिए एक सन्देश देने को बोला जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं उन्हें खूब आशीर्वाद देती हूँ और यह कामना करती हूँ की वो ऐसे ही तरक्की करते रहें” और यह भी कहा की, “उनकी तरक्की मुझे ख़ुशी देती है”.
‘जन की बात‘ की चुनावी यात्रा जारी है और हम ऐसे ही खट्टे मीठे पल आपसे साझा करते रहेंगे.
– यह स्टोरी स्पर्श उपाध्याय ने की है|