KAIRANA BYPOLL ELECTIONGround report from Jalalabad.#Kairana #Jalalabad #JanKiBaatInKairana #ByPoll #Elections
Posted by Jan ki Baat on Sunday, May 27, 2018
तबस्सुम बेगम और मृगांका सिंह के बीच होने वाले इन लोकसभा उपचुनावों का नतीजा क्या होने वाला है इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। अगर तबस्सुम बेगम को गठबंधन पार्टियों के वोट बैंक का समर्थन मिल रहा है तो वहीं मृगांका सिंह को अपने पिता हुकुम सिंह के वोर्टस का साथ मिल रहा है। लेकिन ऐसे में ये कहना गलत होगा कि इन दो उम्मीदवारों के खुद के वोट बैंक नही है क्योंकि अगर मृगांका सिंह शामली, कैराना और थाना भवन में मज़बूत है तो तबस्सुम बेगम नकुड़ और गंगोह विधानसभा में काफी मज़बूत है।
दरअसल, तबस्सुम बेगम के नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में मज़बूत होने की वजह काफी सारी है। पहली, तबस्सुम बेगम का पैतृक गांव दुम्माझेरा नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में आता है जिसमें करीब 20 हज़ार वोटर है जो कि 90 प्रतिशत मुस्लिम है। दुम्माझेरा से लगे हुए कुछ और गांव जैसे कि दुड्डाखेरा, इब्राहिमपुरा, चिलगाना में भी अधिकतर आबादी मुस्लिम समुदाय से है और ये सभी तबस्सुम बेगम को खुला समर्थन देते है क्योंकि तबस्सुम बेगम पास के गांव की बेटी हैं। गठबंधन के चलते नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले पटना और तेलीपुरा गांव के दलित समुदाय भी तबस्सुम बेगम के साथ हैं। हालांकि यहाॅं पर गुर्जर और सैनी भी रहते है। बता दें कि पटना और तेलीपुरा और उसके आसपास के गांवों की आबादी का अंदाजा लगाया जाए तो लगभग 70-80 हज़ार के करीब है। अगर यहाॅं बात पिछले विधानसभा चुनावों की हो तो गठबंधन वाली सभी पार्टियों को कुल मिलाकर 156000 वोट मिले थे तो वहीं भाजपा को 74300 वोट मिले थे लेकिन इस सब में रालोद जो कि इस बार के उपचुनावों में बड़ी पार्टी बनकर उभरी है उसे करीब 700 वोट मिले थे जो नोटा को मिले 1200 वोटों से भी कम थे।
नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में मुनव्वर हसन के परिवार को हमेशा से समर्थन मिलता आ रहा है। 2014 में हुकुम सिंह के विपक्ष में चुनाव लड़ने वाले मुनन्वर हसन और तबस्सुम बेगम के बेटे नाहिद हसन को नकुड़ विधानसभा सीट से काफी समर्थन मिला था और यहाँ से उन्होने लीड भी पकड़ी थी। नकुड़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी तबस्सुम बेगम को खासा समर्थन मिल रहा है गठबंधन और उनके खुद के वोट बैंक की तरफ से। स्थानीय निवासी आकाश छाबड़ा जो कि एक कपड़ा व्यापारी है, उन्होनें जन की बात टीम को बताया कि क्षेत्र की जनता कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसलों से नाराज़ है तो वहीं मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ठोस कानून व्यवस्था से काफी प्रभावित है। गौरतलब है कि 28 मई को हुए उपचुनाव में नकुड़ विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर ईवीएम की खराबी को लेकर मुस्लिम महिलाओं ने नाराजगी जताते हुए पुलिस थाने का घेराव किया और अपने वोट के अधिकार को इस्तेमाल करने की मांग कि।