निजामुद्दीन के मरकज से निकले लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए। मरकज से आगरा में 28 लोग आए हैं जोकि निजामुद्दीन के मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इन लोगों में शामली जौनपुर और आंध्र प्रदेश के पुरुष और महिलाएं शामिल है। एक तरफ जब आगरा शहर में कोरोना का मामला 1 मार्च को सामने आया था। 1 मार्च को आगरा में एक साथ 6 लोग में कोरोना संक्रमण पाया गया था। इसके बाद शहर में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या काफी धीमी गति से बढ़ रही थी। जबकि अब तक लगभग 7 से अधिक लोग आगरा में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।अब जब शहर में निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हुए 28 जमातियों के साथ पुलिस ने शहर के 9 मस्जिदों से 76 और जमातियों को पकड़ा है। इसके बाद शहर में कोरो वायरस के खतरे को और गंभीर बना दिया है।
शहर के मघटई मस्जिद में 23 मार्च को 11 जमाती रुके थे।
शहर में पुलिस ने निजामुद्दीन से जुड़े 28 जमातियों के साथ शहर की 9 मस्जिदों से कुल 104 जमातियों को पकड़ा है। चौंकाने वाली बात जमातियों के बारे में यह है यह लोग कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अपने आप सामने नहीं आ रहे हैं।
वहीं शहर की मस्जिद में 23 मार्च को 11 जमाती रुके थे। इस बीच यहां जमाती न सिर्फ तमाम लोगो से मिले बल्कि आस पास के पूरे एरिया के गांव में भी भ्रमण किया। ग्राम प्रधान मुकेश के मुताबिक 22 मार्च को कर्फ़्यू के अगले दिन 23 मार्च को यह 9-10 जमाती आए थे। जिसकी उन्होंने पुलिस को सूचना भी थी। जिसके बाद पुलिस ने जमतियों को मस्जिद छोड़कर जाने को भी कहा था। दिल्ली के निजामुद्दीन का मामला सामना आने के बाद इन सभी को पकड़ा गया। इसके बाद मस्जिद को सनिटाइज्ड किया गया। जिसके बाद यहां कुछ नमाज़ी पहुंचे बुधवार को नमाज अदा करी ।
पुलिस ने पकड़े गए सभी 104 जमातियो को मधु रिजॉर्ट में रखा है। और बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली के निजामुद्दीन से जुड़े 28 जमातियों की स्क्रीनिंग की।