जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए किये गए लॉकडाउन का जायजा लेने निकले। इसके अगले पड़ाव में जन की बात की टीम पहुंची जयपुर दिल्ली हाईवे पर। जहां हमने जाना कि आखिर कैसे ढाबा मालिक और ट्रक ड्राइवर लॉकडाउन का किस तरह से सामना कर रहे है।
इसके लिए सबसे पहले जन की बात की टीम दिल्ली – जयपुर हाईवे पर स्थित एक ढाबा पर पहुंची। जहां हमारी बात श्याम से हुई। श्याम ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उनकी सेल 6000-7000 होती थी।और 150 तक ग्राहक उनके ढाबे पर आते थे। लेकिन अभी कोई भी नहीं आ रहा है। लॉकडाउन पर सवाल पूछने पर कहा कि यदि बिमारी से बचना है तो यह अति आवश्यक है।
इसके बाद जन की बात की टीम हाईवे किनारे खड़े ट्रक के पास पहुंची और जाना कि लॉकडाउन में उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रक ड्राइवर ने बताया कि इंदौर के पास से तरबूज लेकर दिल्ली आया था। अब वह वापस जा रहा है। जब हमने उनसे उनके खाने और विश्राम के बारे में पूछा, तो ड्राइवर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सभी ढाबे बंद होने के कारण वह गैस चुला साथ ही लेकर चल रहे है।
Watch Pradeep Bhandari (@pradip103) ground report from Delhi Jaipur Highway. How are dhabas and truck drivers coping in #lockdown2? What do they want?@PMOIndia#lockdown pic.twitter.com/UxHdvnTiMA
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) April 28, 2020
जन की बात की टीम हाईवे किनारे एक पेट्रोल पर पहुंची। जहां काफी सारे ट्रक खड़े हुए थे। पेट्रोल पंप पर उपस्थित एक व्यक्ति ने बताया कि यह ट्रक आस-पास के गांव वालों के है। लॉकडाउन के चलते काम कम होने के कारण पेट्रोल पंप पर ही खड़े हुए है।
प्रदीप एनालिसिस
लॉकडाउन के चलते सभी हाईवे किनारे सभी ढाबे बंद है। ट्रक ड्राइवर अपने साथ ही गैस चूल्हा लेकर चल रहे है। केवल जरूरी समान के ट्रक ही रोड पर चल रहे है। चाहे डालने वाले हो या ट्रक ड्राइवर सभी अपने अपने तरीके से कोरोना वायरस रोकने का प्रयत्न कर रहे है।