नितेश दूबे
जब दिल्ली विधानसभा 2020 के चुनाव आने वाले थे और चुनाव चल रहे थे तब कई राजनीतिक पंडितों ने कहा कि केजरीवाल एक तरफा जीत रहे जो कि सही भी था। लेकिन सभी राजनीतिक पंडित एक चीज का गलत आकलन लगा रहे थे कि आम आदमी पार्टी फिर से पुराना प्रदर्शन दोहराएगी। साथ ही पहले से अधिक वोट प्रतिशत पाएगी। उस वक्त सिर्फ और सिर्फ जन की बात और उसके फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने रिपब्लिक टीवी पर बताया था कि पिछली बार की अपेक्षा आम आदमी पार्टी को इस बार कम वोट मिलेगा जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत पिछली बार से बढ़ेगा। यही नहीं जन कि बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने रिपब्लिक टीवी पर बताया था कि कांग्रेस पिछली बार से कम वोट पाएगी और दिल्ली में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी।
एग्जिट पोल नतीजे में तब्दील
आपको बता दें कि जैसा कि जन की बात के एग्जिट पोल ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी को पिछली बार से कम वोट प्रतिशत प्राप्त होगा वैसा ही हुआ। आम आदमी पार्टी को 2015 के विधानसभा में करीब 56% के आसपास वोट मिले थे जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 53.6% वोट प्राप्त हुए। इसके साथ ही बीजेपी को 2015 के विधानसभा चुनाव में करीब 33% वोट प्राप्त हुए थे। जबकि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 39% मत प्राप्त हुए।
यही नहीं जन की बात ने अपने एग्जिट पोल में दावा किया था कि कांग्रेस को इस बार भी 0 सीट मिलेगी जबकि उसका वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम आएगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही। कांग्रेस का वोट प्रतिशत पिछली बार से गिरा। जबकि भारतीय जनता पार्टी का करीब 6% वोट पिछली बार से बढ़ा तो वही आम आदमी पार्टी का करीब 3% वोट शेयर घटा।