जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी आगरा एक्सप्रेस वे पर साइकिल से महोबा उत्तर प्रदेश 400 किलोमीटर दूर अपने घर जा रहे, प्रवासी श्रमिकों से बात करें और जाना कि किन कारणों से वह अपने घर जा रहे है।
हमारी बात हीरा सिंह से हुई जो अपने साथियों के साथ उत्तर प्रदेश के महोबा जा रहे थे। हीरा सिंह ने बताया कि वह नोएडा सेक्टर 47 में मजदूरी का काम करते थे। लॉकडाउन होने के कारण उन्हें काम मिलना बंद हो गया है। हीरा सिंह और उनके साथियों ने बताया पहले लॉकडाउन की घोषणा 15 अप्रैल तक की की गई थी। फिर उसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। फिर बढ़ाकर अब 17 मई करने की बात चल रही है। संसाधन कम होने की वजह से वे अपने घर पर वापस जा रहे है।
जब प्रदीप भंडारी ने पूछा कि ठेकेदार और पुलिस ने उनकी मदद नहीं करी?
तो प्रवासी मजदूरों ने कहा कि ठेकेदार दिल्ली में रहता है। हमारे पास कोई बैंक खाता भी नहीं है। लॉकडाउन के चलते वह हमसे मिल भी नहीं पा रहा है। और फिर काम न मिलने के कारण अब पैसे भी खत्म हो रहे है। जिससे ठेकेदार ने कहा कि यदि पैसे नहीं है तो आप अपने गांव चले जाये। जब पुलिस से मदद का सवाल पूछा तो प्रवासी श्रमिकों ने कहा कि हम पुलिस को जानते भी नहीं है और हमें पुलिस के पास जाने थे थोड़ा डर भी लगता है जिस कारण वह नोएडा छोड़कर साइकिल से ही अपने गांव निकल गये।