आज पूरा देश इस महामारी से बचाव के लिए देश में लॉक डाउन जैसी समस्या से जूझ रहा है। इस समय अगर सबसे ज्यादा किसी को परेशानी हो रही है तो वह प्रवासी और मजदूर भाइयों को हो रही है। क्योंकि दिहाड़ी पर काम करने वाले लोगों की दिहाड़ी बंद हो चुकी है। वहीं लॉक डाउन में अधिकतर फैक्ट्रियां बंद पड़ी है। मजदूर भाइयों ने हर समय मुश्किल वक़्त में देश का साथ दिया है। लेकिन अभी की मौजूदा स्तिथि में सब कुछ बंद होने के कारण मजदूर भाइयों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस मुश्किल वक्त में भी जन की बात की टीम के द्वारा मजदूर भाइयों की परेशानियों का समाधान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पिछले कई दिनों से जन की बात की टीम हर राज्यो में पहुंचकर मजदूर और प्रवासी भाईयो की समस्या को तो सुन ही रही है, साथ ही उनकी समस्याओं का भी तुरंत निवारण भी कर रही है। चाहे फिर वह राशन वितरण या सैनाटाइजर , मास्क या फिर पैदल निकले प्रवासियों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचने का काम या फिर आर्थिक रूप से क्यों ना सहायता देने की बात हो। जन की बात की टीम के द्वारा लगभग भारत के 8राज्यो में पहुंचकर अलग अलग तरीके से हर संभव मदद प्रयास किए जा रहे है। जिससे किसी भी मजदूर या प्रवासी भाई को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े ।
अब शाम हो आई अब बच्चे घर पर इंतजार कर रहे है मैं घर कैसे वापस जाऊंगा
दिल्ली में रहने वाले सलीम मियां जो कि चल नहीं सकते। लेकिन प्रतिदिन अपने ट्राईसाइकिल की सहायता से 15 कि. मी. का सफर कर जंतर मंतर की तरफ गुरुद्वारे के पास सिर्फ राशन की तलाश में आते थे। जब जन की बात की टीम के द्वारा उस क्षेत्र में राशन का वितरण किया जा रहा था। तब टीम की मुलाक़ात सलीम से हुई। जब सलीम मिया को राशन दिया गया तो वो खुश तो हुए लेकिन वह थोड़ा किसी बात को लेकर असमंजस में भी थे। जब उनसे जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने समस्या पूछी तो उनका जवाब सुनकर वह बैठे सभी लोग भावुक हो गए। सलीम मियां ने कहा मैं यहां पर प्रतिदिन थोड़े राशन की तलाश में आता हूं लेकिन आज मेरी ट्रायसाइकिल का ट्यूब और टायर दोनों खराब हो चुका है। मुझे राशन तो मिल गया है लेकिन मुझे वापस घर जाना है क्योंकि वहां बैठे मेरे बच्चे मेरा इंतज़ार कर रहे हैं।
Salim lives on the footpath near Jantar Mantar. He is specially abled. He needed ration, and wanted to reach back as his cycle was damaged. Watch his story.
For help: 8882333133@pradip103#PeopleWelfareFund#COVID19 pic.twitter.com/eecc9yKPU8— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 22, 2020
तभी तत्काल जन की बात टीम द्वारा उनके ट्रायसाइकिल को बनवाया गया। वहीं साथ ही उनका पता भी लिए गया। जिससे कि अगले बार उन्हें राशन कि तलाश में इतना दूर नहीं बल्कि उनके घर तक जन की बात की टीम द्वारा राशन पहुंचाया जाएगा।
जन की बात की टीम और उसके फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। जिस भी व्यक्ति को जैसी भी मदद चाहिए उसे पूरा किया जा रहा है।
आपके आस-पास भी किसी को मदद की जरूरत हो तो संपर्क करे- 8882333133