- सिमा विवाद के बाद लोगो ने किया चीनी सामन का बहिष्कार
- Bycott China Goods के तहत चल रहा है अभियान
- विशेषज्ञों का मानना है, चीन की है साजिश
कोरोना वायरस और इसका संबंध चाइना से है या नहीं यह तो लगातार पूरी दुनिया में एक बड़ी बहस का मुद्दा बना हुआ है।
चाइना लगातार कोरोना वायरस को अपने लैब में बनने से इनकार करता आ रहा है। लेकिन चाइना दूसरे देश की सीमा को हमेशा अपना बताने में सबसे आगे रहता है।
करोना वायरस का मुद्दा अभी थमा भी नहीं था कि चाइना ने सीमा विवाद का मुद्दा शुरू कर दिया है।
क्या है विशेषज्ञों का मानना ?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सोची-समझी राजनीतिक सोच का नतीजा है। जिसके तहत चाइना दुनिया का ध्यान कोरोना वायरस से भटकाने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है यह भी है कि कोरोना वायरस के चलते बिगड़ते आर्थिक हालात और बढ़ती बेरोजगारी दर से वहां की जनता के विरोध को देशभक्ती के मुद्दे से भटकाने की वहां के कम्युनिस्ट सरकार की साजिश भी हो सकती है।
सीमा विवाद बढ़ने के साथ राजनीतिक तनाव भी बढ़ गया है। जिसके बाद चीन विरोधी भावना भी लोगों में बढ़ रही है। ऐसी ही भावना कोरोना वायरस के बाद टिकटॉक जैसे बड़े ऐप को लेकर भी देखने को मिली थी।
इस वीडियो के बाद बहिष्कार की बात और तेज हुई
अगर आपने 3-इडियट फ़िल्म देखा होगा तो याद होगा कि आमिर खान ने पहुंसुंग वांगरू नाम का किरदार निभाया था। यह किरदार जिस व्यक्ति से प्रभावित था उनका नाम है सोनम वांगचुक। वे पूरे दुनिया मे अपने तकनीकी इंजीनियरिंग के माध्यम से सामाजिक सुधार के लिए जाने जाते हैं।
सोनम वांगचुक लद्दाख से आते हैं और कई सामाजिक विकाश को वह अंजाम दे चुके हैं। हाल में हुए सीमा विवाद में इसी क्षेत्र में सैनिक गतिविधियों के बढ़ने से वह भी बहुत प्रभावित हुए हैं। जिसके बाद उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से चाइना को करारा जवाब देने हेतु देशवासियों से एक अनुरोध किया है। जिसमें उन्होंने चाइना के आर्थिक बहिष्कार की बात रखी थी।
वीडियो में बताते हैं कि सिर्फ सेना का काम ही नहीं देश की रक्षा करना होता है बल्कि देशवासी भी अपना योगदान दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस तरीके से चाइना हमारे देश से आर्थिक लाभ लेकर उसी पैसे से अपनी सेना को बंदूक और गोलियां मुहैया कराता है।
आर्थिक बहिष्कार में सबसे पहले कदम के रूप में वहां बने मोबाइल एप्लीकेशन को हटाने की बात कही थी,जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
देसी स्टार्टअप ने इस विरोध को लेकर बनाया एक ऐप
इन मुद्दों के बीच, OneTouchAppLabs नामक एक जयपुर-आधारित स्टार्टअप द्वारा इस महीने के 17-मई को ‘Remove China Apps’ नामक एक नया ऐप लॉन्च किया गया है।
जैसा कि नाम से पता चलता है, ‘चाइना ऐप्स को हटाएं’। ये ऐप अनिवार्य रूप से उपयोगकर्ता के फोन में चीनी ऐप का पता लगाता है और उन्हें हैंडसेट(phone) से हटाने(Uninstall) का आसान तरीका बताता है।
लोगों को आया खूब पसंद
इस एप्लिकेशन की बढ़ती लोकप्रियता साफ दिखती है:- यह Google Play Store पर शीर्ष मुफ्त ऐप्स की सूची में #1 पहले स्थान पर है। साथ ही इसकी स्टार-रेटिंग 4.8 है और सिर्फ 10 दिनों ये 10 लाख से ऊपर डाऊनलोड पार कर चुका है।
कैसे काम करता है एप्लीकेशन
ऐप अभी सिर्फ एंड्राइड फोन पर उपलब्ध है, आईफोन पर अभी यह ऐप नहीं आया है। हमने भी इसे डाउनलोड करके इस्तेमाल करने की कोशिश की और समझा कि किस तरीके से यह एप्लीकेशन काम करता है।
जिस फोन में हमने इस एप्लीकेशन को डाउनलोड किया वह एम-आई(Mi)का फोन है, जो चाइना में बनता है। वहां के कई सॉफ्टवेयर इस फोन में पहले से इंस्टॉल आते हैं। जिसको यह एप्लीकेशन नहीं पकड़ पाता है, जिससे ब्लोट्वेयर(Bloatware) कहते है। अगर आपके डाउनलोड किये ऐप में कोई चीन का बना ऐप होगा तो जरूर यह 2 सेकेंड में इसका पता करके आप को उसे डिलीट करने का बहुत ही आसान तरीका बताता है।
कंपनी का कहना है कि कुछ ही दिनों में वे उन ऐप को भी हटाने या अनइंस्टॉल(Uninstall) करने की सुविधा दे पाएंगे जो फोन की कंपनी द्वारा पहले से फोन में डाल कर दिया जाता है, जिसे ब्लोटवेयर(Bloatware)कहते हैं।
सोशल मीडिया पर चीन के बने ऐप के विकल्प के रूप में किसी और देश या स्वदेशी ऐप का विकल्प भी खूब साझा किया जा रहा है।