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बंगाल में पिछले 15 साल से बांध न बनने के कारण 8 लाख लोग प्रभावित, पढ़िए प्रदीप भंडारी की ग्राउंड रिपोर्ट

देशभर में इस वक्त कोराना का प्रकोप चल रहा है लेकिन इसके आगे कई छोटी और जमीनी समस्याएं पीछे छूट गई है। जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी लगातार दर्शकों को हर एक राज्य से ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहे हैं। उसी क्रम में जब जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी बंगाल के क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थिति जानने के लिए पहुंचे तो वहां से कई भयावह तस्वीर नजर आई। लोग घांस पर सोने को मजबूर है ,तो लोगों को अभी तक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाई है। लेकिन इसी बीच उन्होंने एक ऐसी समस्या की ओर ध्यान दिलाया जिसके कारण पिछले 15 सालों से करीब 8 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं। बंगाल के फुल्लर पुल न बनने के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।

बांध बनता तो है लेकिन टूट जाता

जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों से बात की और आसपास के गांव वालों से भी बात की। इस दौरान लोगों ने बताया कि बांध तो यहां पर बनता है लेकिन हर साल टूट जाता है। बांध इसलिए खराब बनता है ताकि करप्शन चलता रहे। सरकार पैसा तो भेजती है लेकिन यहां पर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन पूरा पैसा खा जाता है। 4 से 5 वर्ग किलोमीटर के एरिया में रहने वाले लोग इस नदी और पुल न बनने के कारण प्रभावित होते हैं। इसी दौरान एक सुरजापुर गांव के आदमी ने बताया कि वह करीब 3 किलोमीटर दूर रहते हैं लेकिन बांध न बनने के कारण वो भी प्रभावित होते है।

इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह बांध टूटना लोगों के लिए कितना खतरनाक है। बांध न बनने के कारण लोगों की जान पर हर वक्त आफत आई रहती है। साथ ही प्रशासन में कोई सुनने वाला नहीं है। लोग बताते हैं कि हर वर्ष कुछ ना कुछ काम तो होता रहता है क्योंकि सरकार हमेशा पैसा भेजती है लेकिन लोकल एडमिनिस्ट्रेशन पूरा पैसा खा जाता है।

सुनिए लोकल सांसद ने क्या कहा?

आपको बता दें कि इस विषय में जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने तुरंत वहां के सांसद से बात की। वहां के सांसद से पूछा कि आप एमपी फंड से क्यों यह बांध का काम नहीं करवाते हैं? इस दौरान सांसद ने कहा कि पहली बार तो वह सांसद बने हैं और अभी एमपी फंड आना शुरू हुआ था। साथ ही उन्होंने बताया कि इसके बारे में उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय ने भी बात की लेकिन वहां पर पता चला कि जो बांध वाली जगह है यह स्टेट गवर्नमेंट के अंदर आती है। जो सेंट्रल गवर्नमेंट के अंदर आता है वहां पर काम हो रहा है। लेकिन इस जगह के लिए अभी तक स्टेट गवर्नमेंट ने कोई भी प्रपोजल नहीं दिया है जिस कारण यह काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार पूरा पैसा खा जाती है लेकिन बांध का काम नहीं करवा रही है।

आपको बता दें कि इन सब मुद्दों पर प्रदीप भंडारी ने कहा कि इस बांध का काम हर साल तो चलता है लेकिन हर बार वह अधूरा भी रह जाता है। क्योंकि इससे लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और लोकल नेताओं को काफी फायदा होता है। लेकिन इसका सबसे अधिक नुकसान यहां की जनता का होता है जो हर वक्त बांध न बनने के कारण प्रभावित रहती है।

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