कोरोना महामारी देश में अपने पांव पसारती ही जा रही है। देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 450000 के पार जा चुकी है। अकेले दिल्ली में ही कल 3900 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई है। वहीं अब देश में प्रतिदिन 13000 से 15000 के बीच कोरोना मरीजों की खबर सामने आ रही है।
स्थिति को अभी सामान्य होने में समय लगता दिखाई दे रहा है। परंतु कोरोना के साथ-साथ एक अन्य समस्या भी देश के सामने बढ़ती हुई दिखाई दे रही है और यह समस्या हैं टीबी की समस्या। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना की वजह से टीबी रोगियों की पहचान में देरी हो रही है।
आधिकारिक आंकड़ों की बात की जाए तो पता लगा है कि जनवरी की तुलना में अप्रैल में टीबी मरीजों की पहचान 50 फ़ीसदी से कम रही है। जिसके बाद से एक्सपर्ट का कहना है कि जांच में देरी से टीबी रोगियों में मृत्यु दर बढ़ने की आशंका दिखाई दे रही है।
आपको बता दें कि,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यानी बुधवार को टीबी पर वार्षिक रिपोर्ट 2020 पेश किया। इस रिपोर्ट के माध्यम से देश के अंदर राज्यों की स्थिति को दर्शाया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है वहीं 2019 में राज्यों को 28.71 लाख मरीजों की पहचान का लक्ष्य मिला था।
राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन दिखाते हुए 84 फीसदी (24.07 लाख) से भी अधिक मरीजों की पहचान की और इलाज किया। इसमें 6.81 लाख से अधिक मरीजों की पहचान प्राइवेट अस्पतालों में हुई थी। जोकि वर्ष 2018 की तुलना में डेढ़ लाख अधिक है। वर्ष 2018 में 21 लाख में से 5.07 लाख मरीजों की पुष्टि प्राइवेट अस्पतालों में हुई थी।
स्टॉप टीबी पाटर्नरशिप कार्यक्रम के अनुसार भारत में रोज औसतन 1230 लोगों की टीबी से मौत हो रही है। 7370 लोग टीबी की चपेट में आ रहे हैं। इसकी कोरोना से तुलना करें तो रोजाना औसतन 97 की संक्रमण से मौत हो रही है, 3,046 मरीज मिल रहे हैं।
1 जून से रोज 300 से अधिक की कोरोना से मौत हो रही हैं। जबकि 10 हजार से अधिक मरीज मिल रहे हैं। एम्स के डॉ. करण का कहना है कि कोरोना के चलते टीबी उपचार प्रभावित हुआ है। इसके पॉजिटिव या निगेटिव परिणाम आगामी दिनों में ही दिखाई देंगे।
केंद्र सरकार के अनुसार यूपी में 38 फीसदी, उत्तराखंड में 30, पश्चिम बंगाल में 37, तमिलनाडु में 39, पंजाब 27, मध्यप्रदेश 35, महाराष्ट्र 38, लद्दाख 43, चंडीगढ़ व आंध्र 40-40 फीसदी प्रभावित हैं।
गत जनवरी में देश में 1,96,046 टीबी मरीज पंजीकृत हुए। इनमें से 57,676 मरीजों की पहचान निजी अस्पतालों में हुई। इसके बाद कोरोना के कारण अप्रैल में टीबी मरीजों की 50 फीसदी कमी देखने को मिली। अप्रैल में 75,184 टीबी रोगियों की पहचान हुई है, जिसमें केवल 15,112 मरीज प्राइवेट अस्पतालों में पंजीकृत हुए।