आज बिहार के गोपालगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मात्र 1 महीने पहले उदघाटन किया हुआ ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया। इस पुल का निर्माण बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया है। बिहार सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव ने सभी मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया और कहा कि ब्रिज तक पहुंचने वाली सड़क जो कि 18 मीटर लंबी है। वह अधिक बारिश के कारण नदी में पानी के बढ़ जाने से पुल का अप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हो गया। इससे मुख्य पुल को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। सत्तरघाट पुल जो कि 1.4 किलोमीटर लंबा है,वह पूर्णता सुरक्षित है।
आपको बता दें कि सत्तरघाट पुल का यह हिस्सा बैकुंठपुर के फैजुल्लापुर में टूटा है। गंडक नदी पर बना 1.4 किलोमीटर लंबा पुल बिहार के गोपालगंज को मोतिहारी और चंपारण से जोड़ता है। इस पुल के बनने से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी को कम किया गया है।
पुल का उदघाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा 16 जून को ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया। इस पुल को बनाने की लागत लगभग 263 करोड रुपए आई है। जोकि इस पुल का शिलान्यास 5 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा ही किया गया था।
इस पुल के टूट जाने पर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा “263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।”
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