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कानपुर बर्रा अपहरण कांड में फिर पुलिस ने कराई सिस्टम की फजीहत, सीएम योगी की कड़ी कार्यवाही

 

उत्तर प्रदेश में पुलिस का लापरवाही भरा रवैया लगातार सामने आ रहा है। कानपुर के विकास दुबे प्रकरण में पुलिस की फजीहत के बाद अब कानपुर के बर्रा अपहरण कांड में पुलिस की घनघोर लापरवाही सामने आई है। 22 जून को एक संजीत यादव नाम के युवक का अपहरण हो जाता है फिर परिजन इसकी रिपोर्ट लिखवाते हैं। बहुत दबाव के बाद पुलिस रिपोर्ट लिखती है लेकिन पहले पुलिस रिपोर्ट लिखने से मना भी करती हैं। परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगी जाती है। परिजनों का कहना है कि जब वह घर बेचकर और शादी के लिए इकट्ठा किए गए गहने बेचकर 30 लाख की व्यवस्था करते हैं और पुलिस को सूचना देते हैं। तो पुलिस कहती है कि अपहरणकर्ताओं को पैसे दे देना ,पैसे जैसे ही दोगे तो हम दोषियों को पकड़ लेंगे। होता यह है कि अपहरणकर्ताओं के सामने परिजन पैसों से भरा बैग पुलिस के कहने पर फेंक देते हैं और अपहरणकर्ता पैसे लेकर भाग जाते हैं। पुलिस पकड़ भी नहीं पाती है और फिर बाद में कानपुर एसपी अपर्णा गुप्ता कहती हैं कि यह प्रैक्टिकली इंपॉसिबल है। फिर खबर आती है कि अपहरणकर्ता युवक की हत्या कर चुके हैं और खबर के अनुसार युवक की हत्या 26 जून को ही कर देते हैं। जबकि फिरौती का कॉल 29 जून को किया था। अभी तक पुलिस मृतक के शव को नहीं ढूंढ पाई है।

आपको बता दें कि जब यह मामला सुर्खियों में आया उसके बाद में एक बार परिजन ने अपना बयान बदल दिया था। लेकिन फिर बाद में उनके सामने मीडिया पहुंची तब उन्होंने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर दबाव देकर बयान बदलवाया था। यानी कि पुलिस परिजन को चुप कराने का प्रयास कर रही थी।

पुलिस पर उठ रहे सवाल

आपको बता दें कि इस पूरे कांड के बाद पुलिस पर चौतरफा सवाल उठ रहे हैं ,क्योंकि कानपुर पुलिस लगातार फजीहत करवा रही है। वहीं पर मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पैसे मांगने में पुलिस वाले भी मिले हुए थे और पैसे मिल बांटकर सब खा गए हैं। पुलिस कह रही है कि परिजनों ने पैसे दिए हैं कि नहीं दिए हैं यह जांच का विषय है। जबकि परिजनों के अनुसार पुलिस ही कहती है कि तुम बैग में भरकर पैसे फेंक देना और हम उन्हें पकड़ लेंगे।

आपको बता दें कि पूरे घटनाक्रम पर सीएम योगी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने 11 पुलिसवालों को निलंबित कर दिया है। इसमें एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, साथ ही साथ डीएसपी भी निलंबित किए जा चुके हैं।

आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दरोगा राजेश , दरोगा योगेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित किया जा चुका है। इसके साथ 6 सिपाहियों को भी निलंबित किया गया है।

मृतक के परिजन लगातार कह रहे हैं कि पुलिस वाले अपराधियों से मिले हुए हैं और पैसे सभी लोग मिल बांट कर खा गए हैं। कानपुर से लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं और पुलिस महकमा ऐसा काम कर रहा है जैसे उसे अपने साथियों को बचाना है।

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